बागेश्वर में दो साल में तीन लोग करंट से गवां चुके हैं जान
जिले में पिछले दो साल में कई लोग बिजली की लाइन से टच होकर करंट की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी थी, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया था। इन घटनाओं में कहीं ऊर्जा निगम की...
जिले में पिछले दो साल में कई लोग बिजली की लाइन से टच होकर करंट की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी थी, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया था। इन घटनाओं में कहीं ऊर्जा निगम की लापरवाही तो कहीं लोगों की लापरवाही सामने आई है। इसके बावजूद भी घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
रविवार को बोहाला में बिजली के करंट की यह पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व 17 मार्च 2017 में दुग-नाकुरी तहसील के नायल गांव निवासी दिनेश उप्रेती तिमुल के पेड़ में पत्ते तोड़ने के दौरान बिजली की लाइन की चपेट में आ गया था। हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके अलावा 15 अगस्त 2018 को कपकोट क्षेत्र में आपदा के दौरान बिजली का एक पोल गिर गया था। इसकी चपेट में आकर मनीष कुमार की मौत हो गई थी। जिला मुख्यालय से लगे नदी गांव निवासी जीवन सिंह परिहार गत वर्ष अपने मकान के लिए पाइप ले जा रहा था। पाइप के बिजली की लाइन से टच होने से उसकी मौत हो गई थी। इतना ही नहीं गत वर्ष होली के दिन पत्थखाली के पास तीन युवक बिजली के 33 हजार लाइन के टावर पर चढ़ रहे थे। इस दौरान वीरेंद्र भोज की करंट की चपेट में आने मौत हो गई थी। इधर, ऊर्जा निगम के ईई भाष्कर पांडेय ने बताया कि इन घटनाओं के बाद उन्होंने जिले में पंपलेट बांटकर लोगों को जागरूक करने का कार्यक्रम चलाया। लोगों से बिजली लाइनों के आसपास नहीं खेलने, किसी भी तार को नहीं उछालने की अपील करते रहे। कहा कि ऊर्जा निगम की ओर से क्षेत्रवासियों और बच्चों को बारिश के दिनों में पंतग नहीं उड़ाने की भी नसीहत दी जाती है।
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बच्चों की लापरवाही से झुलसा था बच्चा
बागेश्वर। ऊर्जा निगम के ईई भाष्कर पांडे ने कहा कि 17 फरवरी 2019 को बोहाला में हुई घटना भी छात्र की लापरवाही से हुई थी। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बोहाला के पास तीन बच्चे साउंड बॉक्स (एम्पलीफायर) के खराब केबल के छल्ले से खेल रहे थे, खेलते हुए केबिल का छल्ला 11 केवी के बोहाला-असों लाइन के कनेक्टर फंस गया। फंसी केबल को नौ साल के बच्चे योगेश मेहता ने निकालने का प्रयास किया था। इस दौरान वह गंभीर रूप से झुलस गया था। उसके एक हाथ और दोनों पैर काटने पड़े। उसका आज भी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार चल रहा है।