पौष माह के दूसरे रविवार को रही होली की धूम
गरुड़। पौष माह में पहाड़ों में बैठकी होली शुरू हो जाती है। होल्यार देर रात
गरुड़। पौष माह में पहाड़ों में बैठकी होली शुरू हो जाती है। होल्यार देर रात तक संगीतमय होली का गायन करते हैं। कत्यूर रामलीला कमेटी टीटबाजार के भवन में पौष माह के दूसरे रविवार की शाम होली की धूम रही। कमेटी के होल्यारों और कलाकारों ने देर रात तक होली गायन किया। सर्वप्रथम वरिष्ठ होल्यार गोपाल दत्त पाठक ने काफी राग में 'गणपति को भज लीजै' गाकर होली की शुरुआत की। वरिष्ठ होल्यार और गायक पूरन गिरी ने साहाना राग में 'ऐसो महाशिव नाथ दिगम्बर' गाकर शमा बांध दिया। संगीतकार अशोक रावत ने काफी राग में 'जटन विराजत गंग' गाकर सभी होल्यारों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। होल्यार नीरज पंत ने भी राग आधारित होलियों का गायन किया।
