गुलदार के आतंक से दहशत में जीने को मजबूर गांववाले
दयांगड़ गांव में आदमखोर गुलदार का आंतक थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन विभाग की लापरवाही के चलते ग्रामीण गुलदार का लगातार शिकार बन रहे हैं, लेकिन वन विभाग मूक दर्शक बनकर तमाश देख रहा है। पिछले दो...
दयांगड़ गांव में आदमखोर गुलदार का आंतक थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकारी सुस्ती के चलते ग्रामीण गुलदार का लगातार शिकार बन रहे हैं। वहीं, उन्होंने वन विभाग पर मूक दर्शक बनकर तमाशा देखने का आरोप लगाया है। शीघ्र आदमखोर गुलदार से मुक्ति नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
पिछले दो सालों में आदमखोर गुलदार एक दर्जन से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुका है। इसके बाद भी वन विभाग के अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। लगातार होती इस प्रकार की घटनाओं पर रोक नहीं लगने के चलते ग्रामीण भयभीत हैं। गुलदार के आतंक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शाम 6 बजे से पहले ही ग्रामीण अपने घरों में कैद हो जा रहे हैं। विभाग की मौजूद टीमों के हाथ भी गुलदार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ग्रामीणों ने गुलदार के भय से निजात दिलाने की मांग की है। ग्रामीण गोविंद कठायत, दर्शन कठायत, आदर्श कठायत,मुन्ना कठायत, किशन कठायत, महेश कठायत, महेंद्र रौतेला, शंकर, कमल, अर्जुन आदि ने कहा कि सरकार को आदमखोर गुलदार के खात्मे के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर शीघ्र उन्हें गुलदार के आतंक से निजात नहीं दिलाया गया तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
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नगर से सटे गांवों में गुलदार की दहशत
बागेश्वर। नगर से सटे गांवों में भी पिछले एक माह से गुलदार की दहशत है। शाम होते ही तेंदुआ आबादी की ओर घुस रहा है। रातभर गुलदार की दहाड़ से लोग दहशत में हैं। लोगों ने विभाग से जल्द गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की गुहार लगाई। तेंदुआ आए दिन नगर से सटे दयांगड़, नदीगांव, सैंज, आदर्श कॉलोनी, ठाकुरद्वार, नुमाइशखेत और मंडलसेरा आदि गांवों में दिखाई दे रहा है। इधर वन दरोगा प्रयाग दत्त भट्ट ने बताया कि गुलदार के दिखाई देने की सूचना पर वन विभाग सक्रिय है। रोज रात को वन विभाग की टीम नगर और आसपास के गांवों में गश्त कर रही है।
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वन विभाग की टीम को रात भर छकाता रहा गुलदार
बागेश्वर। दयांगड़ गांव में मौजूद टीम को गुलदार रात भर छकाता रहा। लोग गुलदार की मौजूदगी की सूचना विभाग को देते रहे। लेकिन गुलदार भी जनता था कब वन विभाग वहां पहुंचेगा, उससे पहले ही वह वहां ने लापता हो जाता था। ऐसा आदमखोर घोषित गुलदार ने पूरी रात किया। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि गुलदार इंसानी हलचल से कितनी अच्छी तरह से वाकिफ है।