बागेश्वर में बारिश से पांच मकान क्षतिग्रस्त
जिले में बारिश का कहर जारी है। दुग-नाकुरी तहसील के सुरकाली गांव में एक व्यक्ति का मकान टूट गया...
जिले में बारिश का कहर जारी है। दुग-नाकुरी तहसील के सुरकाली गांव में एक व्यक्ति का मकान टूट गया है। उसने पड़ोसी के घर में शरण ले रखरी है। इसके अलावा जिले की एक दर्जन सड़कें अभी भी बंद हैं। सड़क बंद होने के कारण लोगों की आवाजाही बंद हो गई है। सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगों को हो रही है।
बारिश के कारण दुग नाकुरी तहसील के सुरकाली गांव के नंदन सिंह पुत्र गुमान सिंह का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। वह 76 वर्ष के हैं और उन्होंने पड़ोसी नंदन सिंह के घर में शरण ली है। मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर पटवारी विजयपाल मेहता ने बताया कि नुकसान का जायजा लेकर तहसीलदार को सौंप दी है। उन्होंने बताया कि प्रभावित घर में अकेले रहते थे। उन्हें नियमानुसार सहायता प्रदान की जा रही है। उड़खुली निवासी दुर्गा राम पुत्र रतन राम का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। उनके परिवार के छह सदस्य बेघर हो गए हैं। जखेड़ा निवासी बलवंत सिंह पुत्र हिम्मत सिंह का मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया है। चार लोगों ने दूसरे के घर में शरण ली है। इसी गांव के प्रेम सिंह पुत्र हयात सिंह का मकान भी अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गया है और पांच सदस्यों के सामने छत का संकट पैदा हो गया है। गनीगांव निवासी पार्वती देवी पत्नी खड़क सिंह के परिवार के तीन लोग भी बेघर हो गए हैं।
काफलीगैर तहसील के सिमस्यारी निवासी विजय कुमार पुत्र आनंद लाल के मकान की दीवार क्षतग्रस्त हो गई है। इसके अलावा गरुड़-द्यौनाई, दोफाड़-पपों, कंधार-सिरमोली-लोहागढ़ी, बागेश्वर-कपकोट-तेजम, रावतसेरा-भाटा, डंगोली-सैलानी, कंधार-रौल्याना, सिमगढ़ी, कमेड़ीदेवी-भैसूड़ी, कपकोट-कर्मी और बघर मोटर मार्ग मलबा, पत्थर और भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं। जिससे लगभग दस हजार की जनसंख्या प्रभावित हो गई है। सरयू, गोमती का जलस्तर बढ़ने पर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। जल पुलिस को बागनाथ मंदिर के घाट पर तैनात किया गया है। इसके अलावा डुगडुगी के जरिए नदी की तरफ जाने वालों को सचेत किया जा रहा है। उधर कपकोट में सरयू नदी में आई बाढ़ से यहां नगर के वार्ड नंबर दो घटबगड में तटबंध और सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इससे संतोष उपाध्याय की बड़ी मात्रा में नाप भूमि कटकर नदी की भेंट चढ़ गई है। मोटर पुल की सुरक्षा पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। तटबंध और दीवार का निर्माण सिंचाई विभाग ने किया था। प्रभावित ने शासन प्रशासन से भूकटाव को रोकने के लिए जल्द प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।