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गरुड़ के आधा दर्जन गांवों में पेयजल संकट

गर्मी शुरु होने के साथ ही पेयजल संकट भी बढ़ने लगा है। क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में पेयजल किल्लत है। जिससे दो हजार की आबादी को पानी नहीं मिल रहा है। लोग हैंडपंप और प्राकृतिक स्रोत पर पानी...

गरुड़ के आधा दर्जन गांवों में पेयजल संकट
हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरTue, 20 Mar 2018 04:52 PM
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गर्मी शुरू होने के साथ ही पेयजल संकट भी बढ़ने लगा है। क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों में पेयजल किल्लत है। इससे दो हजार की आबादी को पानी नहीं मिल रहा है। लोग हैंडपंप और प्राकृतिक स्रोत पर पानी के लिए लाइन लगाने के लिए मजबूर हैं। विभाग से गुहार लगाने पर भी समस्या का समधान नहीं हो रहा है। लोगों ने जल्द आपूर्ति सुचारू नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी।

क्षेत्र के अणा, माल्दे, नौघर, सिटोली, स्याल्दे टीट, टीट बाजार, तैलीहाट, भकुनखोला आदि गांवों में पानी को लेकर मारामारी हो रही है। इन गांवों के लिए 1972 में अणां-बानड़ा पेयजल योजना बनाई गई थी। जो करीब 25 किमी दूर से आती है। समय के साथ योजना के पाइप जर्जर हो गए हैं। इनमें कई स्थानों पर रिसाव हो रहा है। लाइन में कनेक्शन अधिक होने से भी लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। गर्मी के चलते स्रोत के पानी का स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है। इससे कई गांवों को पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि हैंडपंप पर दिन भर लाइन लगी रहती है। इससे रात के समय भी पानी भरने को लोग जाग रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग से कई बार लाइन की क्षमता बढ़ाने की गुहार लगाई। इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी है। ग्राम प्रधान कमला बिष्ट, शंकर सिंह नेगी, बलवंत सिंह, मनोज सिंह, किशन सिंह, सुरेश सिंह, कमल राम, मीरा देवी, भगवती देवी, दीपा देवी, माधवी देवी, कविता नेगी आदि ने बताया कि रात को भी हैंडपंप से पानी लाने को लाइन लगानी पड़ रही है। उन्होंने विभाग से जल्द पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि मांग पूरी नहीं हुई तो ग्रामीण जल संस्थान के खिलाफ उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।

जल संस्थान ने पिछले महीने लाइन की मरम्मत कराई है। गर्मी बढ़ने के साथ स्रोत का पानी कम हो रहा है। इससे कुछ स्थानों पर पेयजल किल्लत है। विभाग रोटेशन के अुनसार पानी की आपूर्ति कर समस्या को दूर करने का प्रयास कर रहा है।

अशोक कुमार भट्ट, जेई जल संस्थान गरुड़।

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