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सहकारी बैंकों की परीक्षा बाहरी राज्यों में कराना अन्यायः टम्टा

सहकारी बैंकों की परीक्षा बाहरी राज्यों में कराने का राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जहां हर मोर्चे पर फेल रही है और अफसरशाही चला रही है। वहीं, बेरोजगारों की...

सहकारी बैंकों की परीक्षा बाहरी राज्यों में कराना अन्यायः टम्टा
हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरWed, 12 Jun 2019 07:07 PM
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सहकारी बैंकों की परीक्षा बाहरी राज्यों में कराने का राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जहां हर मोर्चे पर फेल रही है और अफसरशाही चला रही है। वहीं, बेरोजगारों की अनदेखी कर रही है। जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा।

बुधवार को राज्यसभा सदस्य टम्टा में तहसील मार्ग स्थित पर्यटन आवास गृह में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक की प्रवेश परीक्षा बाहरी राज्यों में करवा कर प्रदेश सरकार ने जहां बेरोजगारों के साथ ही किया है। वहीं, उनकी उपेक्षा भी की है। साथ ही परीक्षा का जिम्मा एजेंसी को दे दिया। कहा कि प्रदेश में पिछले कई माह से लगातार जंगल जल रहे हैं। लेकिन इससे निपटने के लिये सरकार के पास कोई नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार हर मोर्च पर विफल है और पलायन रोकने को गंभीर भी नहीं है। कहा कि रोपाई शुरू होने वाली है, लेकिन अभी तक नहरों की मरम्मत नहीं की गई हैं। इसके अलावा स्कूलों में भी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा रही है। उनके आदर्श सांसद गांव बाछम की सरकार ने पूरी तरह उपेक्षा की है। यहां स्थित स्कूल का अब तक उच्चीकरण नहीं किया गया है। गांव की रोड का प्रस्ताव भी लंबे समय से अटका हुआ है। जिसके चलते ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। यहां जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी और राजेंद्र टंगड़िया आदि मौजूद रहे।

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