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पंचायती वनों की दशा सुधारने के नये उपाय

उत्तराखण्ड वन संसाधन प्रबंध परियोजना वित पोषित जायका द्वारा जहां एक ओर पंचायती वनों की दशा सुधारी जा रही है वहीं स्थानीय निवासियों की आजीविका एवं आय वृद्धि के सघन उपाय किये जा रहे...

पंचायती वनों की दशा सुधारने के नये उपाय
हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरMon, 05 Nov 2018 07:02 PM
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उत्तराखण्ड वन संसाधन प्रबंध परियोजना वित पोषित जायका द्वारा जहां एक ओर पंचायती वनों की दशा सुधारी जा रही है वहीं स्थानीय निवासियों की आजीविका एवं आय वृद्धि के सघन उपाय किये जा रहे है।

वर्तमान में आच्छादित वन पंचायतों में गठित स्वंय सहायता समूहों को चक्रीय कोष उपलब्ध करवाया जा रहा है। वन पंचायत गौला में गठित दो स्वयं सहायता समूहों को आर्डिनेटर प्रेमा बचखेती की देख रेख में चक्रीय कोष की प्रथम किश्त बीस हजार रुपए की राशि अवंटित की गई। प्रभागीय वनाधिकारी बागेश्वर एवं डीएमयू चीफ आर के सिंह ने बताया कि परियोजना का लक्ष्य बहुआयामी है। एसडीओ बलवन्त सिंह साही ने बताया कि समूह सदस्य अपना स्वयं को छोटा उद्यम स्थापित कर रोजी रोटी का उपार्जन कर सकें इसका प्रयास किया जा रहा है। मार्केटिंग स्पेशियलिस्ट गोपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि ग्रामीणों की आजीविका संवर्धन के लिए ग्रामीण उपज के मूल्य संवर्धन एवं विपणन तथा मार्केट लिंकेज में सहयोग किया जा रहा है। जो कि भविष्य में काश्तकार और मार्केट के बीच ग्रामीण उत्पाद विपणन के लिए काम करेंगी।

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