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मैदान से लोगों की स्वास्थ्य जांच करना चुनौती

मैदानी क्षेत्र में नौकरी करने वाले कई लोग अपने पुस्तैनी घरों को पहुंच चुके हैं। उनमें से कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने स्वास्थ्य की जांच नहीं कराई...

मैदानी क्षेत्र में नौकरी करने वाले कई लोग अपने पुस्तैनी घरों को पहुंच चुके हैं। उनमें से कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने स्वास्थ्य की जांच नहीं कराई...
1/ 4मैदानी क्षेत्र में नौकरी करने वाले कई लोग अपने पुस्तैनी घरों को पहुंच चुके हैं। उनमें से कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने स्वास्थ्य की जांच नहीं कराई...
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हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरMon, 23 Mar 2020 10:34 PM
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मैदानी क्षेत्र में नौकरी करने वाले कई लोग अपने पुस्तैनी घरों को पहुंच चुके हैं। उनमें से कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपने स्वास्थ्य की जांच नहीं कराई है। ऐसे लोगों से गांव के लोग भी डरे हैं। ऐसे लोगों की स्वास्थ्य जांच करना प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती भरा होगा। इस समस्या को कपकोट के ब्लॉक प्रमुख सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि उठा चुके हैं।

मालूम हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील की थी। इसके बाद से मैदानी क्षेत्र में अपने परिवार के साथ रह रहे प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने वाले पहाड़ों की ओर रुख करने लगे। 20 और 21 मार्च को बड़ी संख्या में प्रवासी अपने गांवों को पहुंच गए। यह सिलसिला 22 और 23 मार्च को भी चलता रहा। इनमें से कई लोग ऐसे हैं जो स्वास्थ्य की जांच करके पहुंचे हैं, लेकिन कई इस प्रक्रिया से गुजरे बगैर गांव पहुंच गए। इधर, कोरोना को लेकर जो निर्देश सरकारों के आ रहे हैं। इसके चलते प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन कर दिया है। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोग भयभीत हैं। उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि यदि बाहर से आने वाले प्रवासी में से एक भी कोरोना पीड़ित निकला तो पूरा पहाड़ इसकी चपेट में आ जाएगा। शनिवार को कपकोट के ब्लॉक प्रमुख गोविंद दानू ने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया है। उन्होंने युवा कल्याण विभाग और तहसील प्रशासन को सुझाव दिया कि आंगनबाड़ी और अन्य माध्यमों से बाहर से आने वाले लोगों की सूची तैयार की जाए और उनका स्वास्थ्य परीक्षण समय पर कराया जाए। गरुड़ के उड़खुली के प्रधान ने भी गांव में आए लोगों की सूची प्रशासन को सौंपी है। सभी के स्वास्थ्य की जांच की मांग की है। कितने लोग अपने गांव इस दौरान पहुंचे। इसकी स्पष्ट जानकारी प्रशासन के पास नहीं है। ऐसे में सभी के स्वास्थ्य की जांच करना किसी चुनौती से कम नहीं है।

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इनसेट कोट-

बाहर से आए लोगों के चिह्नीकरण के लिए समिति का गठन किया गया है। यह समिति आंगनबाड़ी वर्कर्स और अन्य माध्यमों से उन लोगों को चिह्नित करेगी जो बाहर से आए हैं। इनमें यदि किसी को भी कोई स्वास्थ्य संबंधी शिकायत होगी तो उनकी जांच की जाएगी। हालांकि, ऐसे लोगों को 14 दिन तक बाहर नहीं आने के निर्देश पहले से जारी हैं।

- रंजना राजगुरु, जिलाधिकारी बागेश्वर।

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