ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंड बागेश्वरविज्ञान पढ़ाने के तरीकों में बदलाव समय की मांग: आशुतोष

विज्ञान पढ़ाने के तरीकों में बदलाव समय की मांग: आशुतोष

शिक्षाविद, विज्ञान लेखक और बाल विज्ञान खोजशाला के निदेशक आशुतोष उपाध्याय ने कहा कि विज्ञान पढ़ाने के तरीकों में बदलाव करना होगा। उन्होंने कहा कि कक्षा-कक्ष में विज्ञान पढ़ाने का तरीका परंपरावादी और...

विज्ञान पढ़ाने के तरीकों में बदलाव समय की मांग: आशुतोष
हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरWed, 06 Sep 2017 05:58 PM
ऐप पर पढ़ें

शिक्षाविद, विज्ञान लेखक और बाल विज्ञान खोजशाला के निदेशक आशुतोष उपाध्याय ने कहा कि विज्ञान पढ़ाने के तरीकों में बदलाव करना होगा। उन्होंने कहा कि कक्षा-कक्ष में विज्ञान पढ़ाने का तरीका परंपरावादी और अवैज्ञानिक है। जब तक बच्चों को गतिविधियों की प्रक्रिया से नहीं गुजारा जाएगा, विज्ञान पढ़ाना सार्थक नहीं होगा। डायट में विज्ञान शिक्षक और प्रवक्ताओं की कार्यशाला का शुभारंभ हो गया है। तीन दिनों तक चलने वाली कार्यशाला में उन्हें विज्ञान पढ़ाने के तरीके सिखाए जाएंगे। उन्हें विविध प्रयोग कराए जाएंगे। विद्यालय में सस्ते दाम में उपलब्ध गतिविधियां कराई जाएंगी। निदेशक उपाध्याय ने कहा कि विज्ञान को रटाना समय की बर्बादी है। इसके लिए वैज्ञानिक तरीका अपनाना होगा। प्राचार्य डा. केवलानंद कांडपाल ने कहा कि बिना गतिविधि कराए शिक्षा देना मात्र सूचना देने के समान है। यह पूरी शिक्षा व्यवस्था के लिए घातक होगा। कार्यक्रम समन्वयक डा. शैलेंद्र धपोला ने तीन दिन के कार्यशाला के उद्देश्य बताए। उन्होंने कार्यशाला से सीखी बातों को कक्षा-कक्ष तक पहुंचाने को कहा। पहले दिन कार्यशाला में मानव शरीर संरचना के मॉडल पर जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में 40 शिक्षकों को 10 समूहों में बांटकर मानव शरीर संरचना पर विविधि गतिविधियां कराई गई। इस मौके पर डा. प्रेम सिंह मवाड़ी, डा. केएस रावत, भैरव दत्त पांडे, संजय गुरुरानी, कैलाश प्रकाश चंदोला, रवि कुमार जोशी, संदीप कुमार, डा. सीएम जोशी, डा. दया सागर, आद्या प्रसाद सिंह, ममता पुरोहित, किरन जोशी आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें