ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंड बागेश्वरराइंका वज्यूला में प्रवक्ताओं के आठ पद रिक्त

राइंका वज्यूला में प्रवक्ताओं के आठ पद रिक्त

पदम सिंह परिहार राजकीय इंटर कॉलेज वज्यूला में प्रवक्ताओं के आठ पद रिक्त हैं। प्रधानाचार्य और अंग्रेजी के सहायक अध्यापक भी तैनात नहीं हैं। नये सत्र में विद्यालय की छात्र संख्या में तो इजाफा हुआ, लेकिन...

राइंका वज्यूला में प्रवक्ताओं के आठ पद रिक्त
हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरThu, 16 May 2019 04:41 PM
ऐप पर पढ़ें

पदम सिंह परिहार राजकीय इंटर कॉलेज वज्यूला में प्रवक्ताओं के आठ पद रिक्त हैं। प्रधानाचार्य और अंग्रेजी के सहायक अध्यापक भी तैनात नहीं हैं। नये सत्र में विद्यालय की छात्र संख्या में तो इजाफा हुआ, लेकिन संसाधन नहीं बढ़ सके। शिक्षक नहीं होने से बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ रहा है। पीटीए और एसएमसी ने रिक्त पदों पर जल्द तैनाती की मांग की है।

वज्यूला स्कूल की स्थापना 1945 में हुई। यहां की छात्र संख्या 450 से अधिक है। वर्तमान में विद्यालय में आठ प्रवक्ताओं के पद रिक्त चल रहे हैं। जिनमें रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, राजनीतिक विज्ञान और जीव विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। शिक्षकों की कमी से बच्चों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उनका भविष्य भी बर्बाद हो रहा है। विद्यालय में एक साल से प्रधानाचार्य का पद भी रिक्त है। जिससे आहरण वितरण सहित अन्य अहम कार्य प्रभावित हो रहे हैं। अंग्रेजी के सहायक अध्यापक का पद रिक्त होने से छोटी कक्षाओं के बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ रहा है। लिपिक के दो और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का एक पद भी खाली है। पीटीए अध्यक्ष नरेंद्र सिंह परिहार, एसएमसी अध्यक्ष दिगपाल सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र सिंह मेहता ने बताया कि कई बार अभिभावकों ने विभाग को रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर ज्ञापन दिया। इसके बाद भी हालात नहीं सुधर सके हैं।

छात्र संख्या बढ़ी, संसाधन नहीं

वर्तमान सत्र में पिछले साल की तुलना में अधिक छात्रों ने प्रवेश लिया। पिछले सत्र में कक्षा छह की छात्र संख्या 16 थी, वहीं इस साल 30 बच्चों ने प्रवेश लिया। शिक्षकों की मानें तो परीक्षा परिणाम आने के बाद कक्षा 11 में भी छात्र संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

विद्यालय का भवन भी जर्जर

राइंका वज्यूला का भवन भी मरम्मत की बाट जोह रहा है। विद्यालय में 20 कमरे हैं। जिनमें अधिकांश बदहाल हैं। उनकी दीवारें जर्जर हो गई हैं। खिड़की और दरवाजे टूटे हैं। आंगन भी आपदा की भेंट चढ़ चुका है। भवन यहां पढ़ रहे बच्चों के लिए खतरा बना है।

इनसेट:

शिक्षकों के रिक्त पदों का मामला शासन को भेजा गया है। वज्यूला स्कूल का मैंने स्वयं निरीक्षण किया है। भवन की मरम्मत के लिए बजट की मांग की है। बजट मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।

हरीश चंद्र सिंह रावत, सीईओ बागेश्वर।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें