
बच्चों को दी जाने वाली पैरासिटामोल सिरप पर भी शक उठा, जांच के आदेश
संक्षेप: कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटनाओं को देखते हुए सरकार काफी सतर्क है। इस बीच बच्चों को दी जाने वाली पैरासिटामोल सिरप पर भी शक उठा है। ड्रग इंस्पेक्टरों ने जांच के आदेश दिए हैं।
उत्तराखंड में सरकार ने बच्चों के पैरासिटामोल सिरप को निगरानी के दायरे में लाते हुए सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को जांच के निर्देश दिए हैं। स्टोर्स को चार साल से कम उम्र के बच्चों को यह सिरप बिना डॉक्टर के परामर्श के न देने को भी कहा गया है।

एफडीए के अपर आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि राज्य में चार साल से कम उम्र के बच्चों के पैरासिटामोल सिरप की भी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को पैरासिटामोल सिरप की सैंपलिंग करने और इसका रिकार्ड भी मेनटेन करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में लिए गए कफ सिरप के सैंपलों की रिपोर्ट आना शुरू हो गया है। अभी तक आठ सैंपल की रिपोर्ट आई है लेकिन कोई भी सैंपल फेल नहीं पाया गया है।
डॉक्टर की पर्ची के बिना दवा दी तो कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि एफडीए के अधिकारियों को मेडिकल स्टोर पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी मेडिकल स्टोर डॉक्टर की पर्ची के बिना मरीजों को दवाई देते पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एफडीए के अफसरों को इस संदर्भ में दिशा निर्देश दिए गए हैं। दवाई बेचने में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दास्त नहीं की जाएगी। मंत्री ने कहा कि बच्चों के प्रतिबंधित कफ सिरप की निगरानी के साथ ही अन्य दवाओं की भी जांच के निर्देश दिए गए हैं।

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