ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंड अल्मोड़ाद्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी चिंतामणि जोशी का निधन, शोक

द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी चिंतामणि जोशी का निधन, शोक

द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी चिंतामणि जोशी का 102 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मूल रूप से बसगांव निवासी जोशी ने विश्व युद्ध में फील्ड मार्शल मोंटगोमरी के अधीन मिडल ईस्ट मेडिटेरियन सागर के तमाम...

द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी चिंतामणि जोशी का निधन, शोक
हिन्दुस्तान टीम,अल्मोड़ाTue, 12 Nov 2019 06:34 PM
ऐप पर पढ़ें

द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी चिंतामणि जोशी का 102 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मूल रूप से बसगांव निवासी जोशी ने विश्व युद्ध में फील्ड मार्शल मोंटगोमरी के अधीन मिडल ईस्ट मेडिटेरियन सागर के तमाम द्वीपों में अहम सामरिक योगदान दिया था। वर्तमान में हल्द्वानी निवासी चिंतामणि ले. जनरल मोहन चंद्र भंडारी (सेनवानिवृत्त) के ससुर थे। रानीखेत तहसील की सीमा से लगे कठपुड़िया के बसगांव निवासी द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी चिंतामणि वर्तमान में परिवार के साथ हल्द्वानी में रहते थे। वह पूर्व ले. जनरल मोहन चंद्र भंडारी के ससुर थे। कुछ समय से अस्वस्थ चिंतामणि का गत दिवस निधन हो गया, उनका हल्द्वानी के चित्रशिला घाट में अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। चिंतामणि जोशी ने द्वितीय विश्व युद्ध में अहम सामरिक योगदान देते हुए वीरता का परिचय दिया था। फील्ड मार्शल मोंटागोमरी (8 आर्मी) के अधीन उन्होंने अफ्रीका के दो दर्जन से अधिक देशों और द्वीपों में काम किया। उनकी जांबाजी के लिए तत्कालीन वाईसराय द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया। उनके दामाद ले. जनरल भंडारी ने बताया कि भारत की आजादी पर 15 अगस्त 1947 कानपुर में सर्वप्रथम तिरंगा लहराने का गौरव भी चिंतामणि जोशी के नाम रहा। वह केआरसी रानीखेत के संस्थापक कमांडेंट माने जाने वाले दिवंगत कर्नल राम सिंह के भी अच्छे मित्र थे। जनरल भंडारी ने द्वितीय विश्व युद्ध के सेनानी अपने ससुर के ऊपर पुस्तक भी लिखी है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें