‘बाल मनोविज्ञान से संबंधित शिक्षण विधियों का करें प्रयोग
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल व शिक्षा पर पांच दिवसीय कार्यशाला जारी है। शिक्षकों को स्थानीय परिवेश के ज्ञान और बाल मनोविज्ञान के उपयोग का सुझाव दिया गया।...

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में सोमवार को भी कार्यशाला जारी रही। कार्यशाला में स्थानीय परिवेश के ज्ञान व बाल मनोविज्ञान संबंधित शिक्षण विधियों के प्रयोग करने का सुझाव दिया गया। प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल व शिक्षा के तहत एससीईआरटी की ओर से हुई पांच दिवसीय खेल खिलौना अधिगम सामग्री निर्माण कार्यशाला जारी है। रविवार को एसएसजे परिसर में शिक्षा संकाय के सेवानिवृत्त प्रो. गोपाल सिंह नयाल ने शिक्षकों से कहा कि वर्तमान समय में बालपयोगी रचनाओं के लिए स्थानीय परिवेश से संबंधित ज्ञान और बाल मनोविज्ञान से संबंधित शिक्षण विधियों का प्रयोग करने की जरूरत है। एससीईआरटी देहरादून के प्रतिनिधि डॉ. गंगा घुघुत्याल ने कार्यशाला से संबंधित कार्य योजना से सभी को अवगत कराया। डाइट में ईसीसीई प्रकोष्ठ के प्रभारी रमेश सिंह रावत ने तीन से आठ आयु वर्ग के बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल खिलौने, कविताओं, कहानियों, पहेलियों आदि की जानकारी दी। यहां डॉ. दीपक मेहता, कविता मेहरा, दिनेश चंद्र तिवारी, दिनेश चंद्र पांडे, डॉ. हरिश्चंद्र जोशी, भुवनेश्वरी चंद्रानी, डॉ. अजंता बिष्ट, डॉ. हेमलता धामी, कृपाल सिंह शीला, डॉ. पवनेश ठकुराठी, प्रेमा गढ़कोटी, संजय कुमार, डॉ. ललित आर्य, दिनेश चंद्र पांडे, दिनेश तिवारी, डॉ. दीपक मेहता आदि रहे।
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