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शगुन आखर कार्यशाला में मांगलिक गीतों में थिरकीं महिलायें

संगीत नाटय अकादमी नई दिल्ली एवं नवजीवन सोसायटी की ओर से आयोजित शगुन आखर उत्तराखंड के संस्कारों गीतों के कार्यशाला के दूसरे दिन विवाह समारोह के मौके पर गाये जाने वाले गीतों की लयबद्धता का प्रशिक्षण...

शगुन आखर कार्यशाला में मांगलिक गीतों में थिरकीं महिलायें
हिन्दुस्तान टीम,अल्मोड़ाThu, 23 Jan 2020 05:52 PM
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संगीत नाटय अकादमी नई दिल्ली एवं नवजीवन सोसायटी की ओर से आयोजित शगुन आखर उत्तराखंड के संस्कारों गीतों के कार्यशाला के दूसरे दिन विवाह समारोह के मौके पर गाये जाने वाले गीतों की लयबद्धता का प्रशिक्षण दिया गया। इन गीतों में महिलाओं ने शानदार नृत्य की भी प्रस्तुति दी। गुरुवार को नगर के नरसिंह हाल में प्रशिक्षक लता कुंजवाल व मीनू जोशी ने विवाह समारोह में गणेश पूजा,सवल पथाई,हल्दी स्नान,धूलि अर्ग,कन्यादान,बरात स्वागत व विदाई के समय गाये जाने वाले संस्कार गीतों की महत्ता व गाने की विधि,लय के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि शगुन आखर का उत्तराखंड की शादी व्याह में विशिष्ठ स्थान है। युवा पीढ़ी को इसको सुरताल के साथ सीखना आवश्यक है। इस मौके पर आज मेरे अगना में रंग बरसत है, सुहाग कैसे लायो आदि बरात के गीतों में महिलाओं ने जमकर नृत्य किया। बालिकाओं व महिलाओं की टोली ने भी अनेकों संस्कार व शादी गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। संचालन रंगकर्मी जुगल किशोर पेटशाली ने किया। यहां पूर्व ब्लाक प्रमुख नरेंद्र बिष्ट,केएस बिष्ट,मनीष ममगई,हरपाल सिंह,जोसेफ डी राज,धीरेंद्र विश्वकर्मा,तारादत्त शर्मा,मदन मेहरा,यूडी सत्यवली,जीवन सिंह,संगीतकार कंचन तिवारी व कुंदन रावत आदि रहे।

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