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सड़क का डामरीकरण नहीं होने से ग्रामीणों को नहीं मिल रहा 108 सेवा का लाभ

वर्ष 2013 में काटी कच्ची गई छह किमी सड़क छह साल बीतने जाने के बाद भी पक्की नहीं हो सकी है। इस कारण हर वर्ष बारिश के दौरान सड़क बंद रहती है। कच्ची सड़क होने के कारण गांव तक आपात सेवा 108 भी नहीं पहुंच...

सड़क का डामरीकरण नहीं होने से ग्रामीणों को नहीं मिल रहा 108 सेवा का लाभ
हिन्दुस्तान टीम,अल्मोड़ाSat, 17 Nov 2018 03:52 PM
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वर्ष 2013 में काटी कच्ची गई छह किमी सड़क छह साल बीतने जाने के बाद भी पक्की नहीं हो सकी है। इस कारण हर वर्ष बारिश के दौरान सड़क बंद रहती है। कच्ची सड़क होने के कारण गांव तक आपात सेवा 108 भी नहीं पहुंच पाती है। इस कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बाड़ेछीना सेराघाट मोटर मार्ग से दियारी- कांचुला के लिए वर्ष 2013 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 6 किमी सड़क का निर्माण किया गया। इस सड़क से काचुंला, टांगडी, दियारी, सगबडा, रूपीकूड़ा, बमनगांव, पत्थरखानी गांव जुड़े हैं। छह वर्ष बीतने के बाद भी छह किमी सड़क पर सोलिंग व डामरीकरण नहीं किया गया है। अप्रैल 2013 में तत्कालीन सांसद प्रदीप टम्टा ने धौलछीना- दियारी 6 किमी सड़क का शिलान्यास किया। रख रखाव के अभाव में सड़क की दीवारें व कॉजवे कई स्थानों पर टूट चुके हैं। सड़क पर पक्की नालियां नहीं होने से बरसात के दिनों में सड़क कई कई दिनों तक बंद रहती है। पूरा मार्ग गड्डों में तब्दील हो गया है। सड़क कच्ची होने इन गांवों तक आपात 108 सेवा भी नहीं पहुंच पा रही है। मजबूरन ग्रामीणों को मरीजों को डोली के सहारे अस्पतालों तक पहुंचाना पड़ रहा है। पूर्व में सड़क का विस्तार कर इसे पनुवानौला जागेश्वर से जोडने का प्रस्तावत भी रखा गया था। इसके लिए भी कई बार सर्वे हो चुका है। सड़क के डामरीकरण व विस्तारीकरण की फाईल विभागों में धूल फांक रही है। कांचुला निवासी राजन सिंह, दियारी निवासी हरीष सिंह रावत, भावना रावत,दियारी निवासी कैलाश चन्द भट्ट ने जल्द सड़क में डामरीकरण कर पनुवानौला तक लिंक करने की मांग की है।

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