द हंगर प्रोजेक्ट की दो दिवसीय वन पंचायत कार्यशाला हुई
असभी सदस्यों ने भाग लिया। कार्यशाला में वन पंचायत नियमावली 2012 की विशेषताओं पर चर्चा की गई। वन पंचायत...
हंगर प्रोजेक्ट की ओर से वन पंचायतों के सदस्यों की दो दिवसीय कार्यशाला हुई। इसमें गोल्ने तथा खाड़ी सुनार की वन पंचायत के सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में वन पंचायत नियमावली 2012 की विशेषताओं पर चर्चा की गई। वन पंचायत के ठोस उप नियम बनाने पर निर्णय लिया गया।
इस मौके पर खाड़ी सुनार के सरपंच कुंवर सिंह ने बताया किउनकी वन पंचायत में वर्ष 2008 से चुनाव नहीं हो पाया है। वक्ताओं ने कहा कि वन पंचायतों को वन विभाग से पौंधो की मांग पूरी नहीं हो रही है। गोल्ने के सरपंच शिव राम ने कहा कि वन पंचायतों के लिए किसी तरह के बजट का प्रावधान नहीं है। ग्राम प्रधानों, उप प्रधानों को न्यूनतम मानदेय मिलता है। वन पंचायतों के सरपंचों को भी मानदेय का प्रावधान होना चाहिए। कार्यशाला में हंगर प्रोजेक्ट के कार्यकर्ताओं ने वन पंचायत नियमावली 2012 संशोधन की पूर्ण जानकारी देने के साथ-साथ वन पंचायत सरपंचों के कार्यों और अधिकारों की जानकारी दी। कार्यशाला में हंगर के प्रॉजेक्ट के को-ऑर्डिनेटर पुष्कर बिष्ट, उर्मिला नौरियाल, हेमंत कुमार, भावना पांडे, शिव राम, पुष्पा देवी, तुलसी देवी, राधिका देवी आदि ने भाग लिया।