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सोमेश्वर में गुलदार ने गोशाले में घुस कर सास-बहू को घायल किया

शनिवार की तड़के सुबह तहसील के डिगरा गांव के अनुसूचित जाति तोक गांव में गुलदार ने गोशाले के अंदर घुसकर दो महिलाओं को गंभीर रूप से घायल कर दिया। करीब आधे घंटे तक गोशाले में बंद रहे गुलदार की दहशत से...

सोमेश्वर में गुलदार ने गोशाले में घुस कर सास-बहू को घायल किया
हिन्दुस्तान टीम,अल्मोड़ाSat, 18 Nov 2017 05:35 PM
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शनिवार की तड़के सुबह तहसील के डिगरा गांव के अनुसूचित जाति तोक गांव में गुलदार ने गोशाले के अंदर घुसकर दो महिलाओं को गंभीर रूप से घायल कर दिया। करीब आधे घंटे तक गोशाले में बंद रहे गुलदार की दहशत से दोनों महिलाएं काफी देर तक बेहोश रही। अब इसे करिश्मा ही कहें या कुछ और कि गुलदार के हमले के दौरान गोशाला में महज आठ साल का मासूम बच्चा भी सोया हुआ था जिसपर गुलदार की नजर नहीं पड़ी।

गोशाला में कैद गुलदार को ग्रामीणों की सूझबूझ से आधे घंटे बाद बाहर निकाला जा सका। नहीं तो कोई बड़ी अप्रिय घटना भी हो सकती थी। कभी जंगलों में चर रहे मवेशियों को निवाला बनाने वाले गुलदार अब धीरे-धीरे आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों का रुख करने लगे हैं। ग्रामीणों को निवाला बनाने और गुलदार के हमले में गंभीर घायल होने की घटनाएं बढ़ने लगी है। ऐसा ही मामला शनिवार को डिगरा में देखने को मिला। बकरी के इंतजार में गोशाले के बाहर घात लगाकर बैठे गुलदार को जब बकरी हाथ से निकलते हुए दिखी तो उसने गोशाले के दरवाजे पर खड़ी बचूली देवी पर ही हमला कर दिया। वहीं, सास को गुलदार के चंगुल से बचाने की कोशिश करते हुए धनूली देवी भी गंभीर रूप से घायल हो गई। महिलाओं के साथ गोशाले में आठ साल का मासूम भी सोया हुआ था, लेकिन बिस्तर के अंदर दुबके होने के कारण गुलदार उसे नहीं देख पाया।

वहीं, गोशाले के अंदर के कमरे में बकरियों, मुर्गियों समेत कई मवेशी भी थे। मवेशियों के कमरे से दो मंजिल की तरफ लकड़ी की सीढ़ीयां भी बनी हुई थी, लेकिन आधे घंटे तक गोशाले के अंदर रहे गुलदार को न तो बच्चे की भनक लगी,न मवेशियों की और न ही दो मंजिले की तरफ जाने वाली सीढ़ियों की।

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