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रामनगर-बद्रीनाथ हाइवे मलबा आने से चार घंटे जाम

रामनगर-बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर बगड़ीगाड़ की पहाड़ी के पास बुधवार को दो बार भूस्खलन होने से चार घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। बाद में लोनिवि की टीम ने पहुंचकर दोनों बार सड़क से मलबा हटाया। जिसके बाद...

रामनगर-बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर बगड़ीगाड़ की पहाड़ी के पास बुधवार को दो बार भूस्खलन होने से चार घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। बाद में लोनिवि की टीम ने पहुंचकर दोनों बार सड़क से मलबा हटाया। जिसके बाद...
1/ 2रामनगर-बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर बगड़ीगाड़ की पहाड़ी के पास बुधवार को दो बार भूस्खलन होने से चार घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। बाद में लोनिवि की टीम ने पहुंचकर दोनों बार सड़क से मलबा हटाया। जिसके बाद...
रामनगर-बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर बगड़ीगाड़ की पहाड़ी के पास बुधवार को दो बार भूस्खलन होने से चार घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। बाद में लोनिवि की टीम ने पहुंचकर दोनों बार सड़क से मलबा हटाया। जिसके बाद...
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हिन्दुस्तान टीम,अल्मोड़ाWed, 20 Feb 2019 05:56 PM
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रामनगर-बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर बगड़ीगाड़ की पहाड़ी के पास बुधवार को दो बार भूस्खलन होने से चार घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। बाद में लोनिवि की टीम ने पहुंचकर दोनों बार सड़क से मलबा हटाया। जिसके बाद यातायात सुचारु हो पाया। इस दौरान लंबे जाम की स्थिति बनी रही। यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रामनगर-बद्रीनाथ मोटर मार्ग में बगड़ीगाड़ के पास भूस्खलन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। वाहन चालक व यात्री जान हथेली में रखकर इस सड़क मार्ग से यात्रा करने को मजबूर है। तहसील मुख्यालय से पांच किमी की दूरी पर बगड़ीगाड़ पर पहाडी से हो रहे लगातार भूस्खलन से बुधवार की सुबह छह बजे भारी मात्रा में पत्थर व मलवा गिर कर सड़क पर आ पड़ा। इसके बाद दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। इस दौरान यात्रियों को ठंड में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने जेसीबी मशीन ने सड़क से मलबा हटाया। करीब दो घंटे के बाद यातायात दिल्ली, रामनगर, अल्मोड़ा, चौखुटिया, कर्णप्रयाग, देघाट, भिकियासैंण, भतरौंजखान, रानीखेत आदि जगहों को सुचारु हुआ। ठीक दो घंटे बाद फिर दस बजे के आसपास बड़े पत्थरों के साथ पेड़ सड़क पर आ गिरा। जिससे एक बार फिर दो घंटा यातायात प्रभावित रहा। जेसीबी मशीन से फिर मलबा हटाया गया। बता दे कि पिछले कई वर्षों से भूस्खलन की वजह से कम बारिश में भी मार्ग अवरूद्ध हो जाता है। जिस वजह से यह स्थान वाहन चालकों व यात्रियों के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। वाहन चालक व यात्री अपनी जान हथेली में रखकर यात्रा करने को मजबूर है।

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