अल्मोड़ा में गरजे सरपंच
अल्मोड़ा में 11 जिलों के सरपंचों ने वन पंचायतों के समाप्ति के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने सरकार और वन मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और चौघानपाटा से शिखर तिराहे तक जुलूस निकाला। सरपंचों ने वन पंचायत...
अल्मोड़ा। राज्य के 11 जिलों के सरपंचों ने गुरुवार को चौघानपाटा में सभा की। वन पंचायतों को समाप्त करने की सुगबुगाहट पर रोश जताया। सरकार और वन मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही चौघानपाटा से शिखर तिराहे तक जुलूस भी निकाला। कहा कि जंगलों को बचाने में वन पंचायतों की अहम भूमिका है, लेकिन वन पंचायतों को ग्राम प्रधानों के अधीन कर सरंपच का पद समाप्त किया जा रहा है। सरपंचों ने वन पंचायतों को ग्राम प्रधानों के अधीन करने का प्रस्ताव निरस्त करने, वन पंचायत नियमावली में संशोधन, वन पंचायत सलाहकार समिति का गठन, वन पंचायत नियमावली का पुनर्निमाण आदि की मांग की। सरपंचों को समर्थन देने के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल भी आंदोलन स्थल पर पहुंचे। यहां विरोध जताने में निशा जोशी, बृजेश चंद्र जोशी, प्रेम सिंह, विनोद सिंह, पूरन चंद्र चिल्मोड़ी, प्रेम चंद्र, भगवती प्रसाद सती, सुरेंद्र सिंह रावत, कैलाश चंद्र खंडूड़ी, प्रेम कुमार, देवेंद्र राम, बलवंत सिंह नेगी, सुनील प्रसाद तिवाड़ी, केवल सिंह नेगी, प्रताप सिंह बिष्ट, नारायण सिंह, प्रमोद पाठक, मोती सिंह बिष्ट, चंद्र शेखर, गोपाल सिंह बिष्ट, कुवर सिंह, गंगा सिंह बिष्ट, कैलाश, बालम सिंह, राजेंद्र सिंह, त्रिलोक सिंह कार्की, नंदन सिंह बिष्ट, हेम चंद्र सती, दीप चंद्र बेलवाल, मनोज कुमार सती आदि रहे।
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