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पारंपरिक बड़ियों का उत्पादन बन सकता है आजीविका का अच्छा माध्यम

तहसील के ग्राम बयेड़ी में महिलाओं महिलाओं को बड़ी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार और होप संस्था ने संयुक्त...

पारंपरिक बड़ियों का उत्पादन बन सकता है आजीविका का अच्छा माध्यम
हिन्दुस्तान टीम,अल्मोड़ाThu, 05 Nov 2020 05:43 PM
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तहसील के ग्राम बयेड़ी में महिलाओं महिलाओं को बड़ी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार और होप संस्था ने संयुक्त रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण में महिलाओं को पेठा व उड़द की दाल से बड़ी तैयार करना सिखाया गया। प्रतिभागी महिलाओं को संबोधित करते हुए होप संस्था के निदेशक प्रकाश जोशी ने कहा कि पूर्व में ग्रामीण बड़ियों का निर्माण पारंपरिक तरीके से अपने उपयोग के लिए करते थे। लेकिन वर्तमान में बाजार में अच्छी मांग के चलते बड़ियों का व्यवसायिक महत्व भी काफी बढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि बड़ी उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार कर महिलाएं इस पारंपरिक उत्पाद के माध्यम से अच्छी आजीविका अर्जित कर सकती हैं। प्रशिक्षण में महिलाओं को बड़ी निर्माण में स्वच्छता का विशेष ध्यान देने के साथ बताया गया कि ककड़ी अथवा पेठा को कसने के बाद उसके पानी को फेंकने की बजाय उसमें उड़द की दाल पीसकर तथा हींग व अजवाइन मिलाकर बड़ियों का निर्माण करना चाहिए। इससे बड़ियों में पोषक पोषक तत्वों की मात्रा बरकरार रहने के साथ औषधीय गुण भी आते हैं। ग्राम प्रधान लीला देवी, मुन्नी देवी, हेमा देवी सहित गांव की समस्त महिलाओं ने प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया।

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