कुमाऊं विवि की वेबसाइट ठप, छात्रों ने दी आंदोलन की चेतावनी
कुमाऊं विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट नहीं चलने पर छात्र-छात्राओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार को छात्रों ने परिसर निदेशक के माध्यम से परीक्षा नियंत्रक को...
कुमाऊं विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट नहीं चलने से छात्र-छात्राओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को छात्रों ने परिसर निदेशक के माध्यम से परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन भेजा है। जिसमें परीक्षा आवेदन तिथि को बढ़ाने की मांग की है। साथ ही सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। कुमाऊं विवि नैनीताल की ऑनलाइन वेबसाइट में आए दिन आने वाली तकनीकी दिक्कतों का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है। विवि में ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से समस्या बरकरार है। इन दिनों स्नातक व स्नातकोत्तर की विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश के साथ ही ऑनलाइन परीक्षा आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन विवि की आधिकारिक वेबसाइट में तकनीकी दिक्कत आने से छात्र-छात्राएं अपने परीक्षा आवेदन जमा नहीं कर पा रहे हैं। इधर विवि प्रशासन की ओर से आगामी 26 अप्रैल तक परीक्षा व प्रवेश की आवेदन तिथि निर्धारित की है। जबकि अभी तक आधे छात्रों ने भी परीक्षा आवेदन जमा नहीं किए हैं। छात्र नेता दीपक उप्रेती के नेतृत्व में छात्रों ने कार्यवाहक परिसर निदेशक प्रो़ जगत सिंह बिष्ट के माध्यम से परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन भेज परीक्षा आवेदन तिथि बढ़ाने की मांग की है। मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर छात्र हित में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन सौंपने वालों में नीरज बिष्ट, योगेश जोशी, नवनीत बिष्ट, गोकुल मेहरा, अजय बिष्ट, अनिल टम्टा, आशीष सनवाल, राहुल गड़िया, विक्की पोखरिया, प्रशांत बोरा, अनुज जोशी, सूरज बहुगुणा आदि छात्र मौजूद रहे।
निराश होकर वापस लौट रहे छात्र-छात्राएं
अल्मोड़ा। बीते चार अप्रैल से बीए, बीएससी, बीकॉम के द्वितीय, चतुर्थ व षष्ठम तथा एमए, एमएससी, एमकॉम के द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर के लिए प्रवेश व परीक्षा आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिस कारण इन दिनों साइबर कैफे में छात्र-छात्राओं की काफी भीड़ जुट रही है। लेकिन वेबसाइट में आए दिन तकनीकी समस्या आने के कारण छात्र निराश होकर वापस लौट रहे हैं। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से आवेदन के लिए पहुंचने वाले छात्रों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।-