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सल्ट में सड़क को ओलों के बीच छाता लेकर डटे रहे ग्रामीण

थला-मुनड़ा भिताकोट सड़क को मुनड़ा से भीताकोट तक बनाने की मांग को लेकर बुधवार को भी ग्रामीण धरने पर डटे रहे। बारिश और ओले गिरने के बाद भी ग्रामीण ने धरना नहीं छोड़ा। कुछ ग्रामीण टेंट के अंदर तो कुछ...

सल्ट में सड़क को ओलों के बीच छाता लेकर डटे रहे ग्रामीण
हिन्दुस्तान टीम,अल्मोड़ाWed, 23 Jan 2019 11:00 PM
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थला-मुनड़ा भिताकोट सड़क को मुनड़ा से भीताकोट तक बनाने की मांग को लेकर बुधवार को भी ग्रामीण धरने पर डटे रहे। बारिश और ओले गिरने के बाद भी ग्रामीण ने धरना नहीं छोड़ा। कुछ ग्रामीण टेंट के अंदर तो कुछ छाता हाथ में लेकर धरने पर अडिग रहे। ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर आक्रोश जताया।

बुधवार की सुबह बारिश और ओलों के बीच ग्रामीण हाथ में छाता लेकर भीगते हुए धरना स्थल पर पहुंचे। न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के बाद भी ग्रामीण धरने पर डटे रहे। इस दौरान ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर आक्रोश जताया। सिर पर ओले गिरने के बाद भी ग्रामीण धरने पर अडिग रहे। ग्रामीणों ने कहा कि सड़क के लिए वह धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। बारिश हो या फिर बर्फ गिरे वह धरना नहीं छोड़ेंगे। वक्ताओं ने कहा जल्द सड़क नहीं बनने पर अब उग्र आंदोलन करने की रणनीति भी तय की जाएगी। पूर्व में ग्रामीण दो बार सड़क के लिए जालीखान में चक्का जाम भी कर चुके हैं। लंबे समय से सड़क की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। ग्रामीणों ने कहा सड़क नहीं बनने से उन्हें पांच से सात किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंचना पड़ता है। क्षेत्र की करीब सात ग्राम पंचायतों की 1500 की आबादी आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं।

ये गांव हैं सड़क से वंचित

कुंबीचौड़ा, सिमबल, जसपुर, तल्ला बागिधार, मयालबाखली, रगड़गाड, खदेरागाड़, भिताकोट आदि गांवों की करीब डेढ़ हजार की आबादी।

ये रहे धरने में शामिल

आंदोलन के संयोजक गुणानंद ध्यानी,अमित सिंह रावत, मधूली देवी, कांती देवी, सुनीता देवी, हंसी देवी, सुमित्रा देवी, उमा देवी, जोगुली देवी, रेवती देवी, गोविंद सिंह, रोहित खंतवाल, शंकुतला देवी, बबली रावत, दिया देवी, सौरभ खंतवाल, मोहित खंतवाल, सौरव, रमेश, सतपाल सिंह रावत, शांति, सुरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

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