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राफेल डील मुद्दे में केंद्र सरकार ने कोर्ट को किया गुमराह: माहरा

कांग्रेस विधान मंडल दल के उपनेता, क्षेत्रीय विधायक करन माहरा ने कहा कि राफेल विमान डील मामले में केंद्र सरकार ने कोर्ट में गलत जानकारी दी। केंद्र सरकार ने इस मामले को संयुक्त संसदीय समिति व पब्लिक...

राफेल डील मुद्दे में केंद्र सरकार ने कोर्ट को किया गुमराह: माहरा
हिन्दुस्तान टीम,अल्मोड़ाFri, 21 Dec 2018 10:45 PM
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कांग्रेस विधान मंडल दल के उपनेता, क्षेत्रीय विधायक करन माहरा ने कहा कि राफेल विमान डील मामले में केंद्र सरकार ने कोर्ट में गलत जानकारी दी। केंद्र सरकार ने इस मामले को संयुक्त संसदीय समिति व पब्लिक एकाउंट कमेटी के पास तक नहीं भेजा।

उन्होंने कहा, कांग्रेस को तीन राज्यों में मिली शानदार जीत से घबराई भाजपा अब किसानों की कर्ज माफी के लिए पहल करने लगी है। माहरा ने कहा कई प्रभावितों को अब तक सड़कों का मुआवजा नहीं मिल सका है, सरकार को प्राधिकरणों के माध्यम से लोगों को नोटिस भेजने का कोई हक नहीं। पत्रकार वार्ता में विधायक माहरा ने कहा कि राफेल जहाज बनाने वाली कंपनी डसाल्ट एविएशन ने 13 मार्च 2014 को एक वर्क शेयर समझौते के रूप में सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 36 हजार करोड़ के ऑफसेट कांट्रेक्ट पर हस्ताक्षर किए। लेकिन 10 अप्रैल 2015 को सरकारी कंपनी एचएएल को इस कांट्रेक्ट से अलग कर कांट्रेक्ट रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को दे दिया गया। यूपीए सरकार के दौरान 36 राफेल विमानों की कीमत 18940 करोड़ थी, जबकि मोदी सरकार ने 36 जहाज तीन गुना अधिक दाम 60145 में खरीदे। रक्षा खरीद प्रक्रिया को ताक पर रखकर भारत को ट्रांसफर आफ टेक्नोलॉजी से भी वंचित किया गया। कांग्रेस इस मामले को जेपीसी व पब्लिक एकाउंट कमेटी के पास भेजना चाहती है, लेकिन केंद्र सरकार इसमें भी लगातार गुमराह कर रही है। विधायक ने कहा कि कई सड़कों का मुआवजा आज तक प्रभावितों को नहीं मिल पाया। लेकिन सरकार प्राधिकरणों के माध्यम अतिक्रमण के नाम पर नोटिस भेजकर जनता को परेशान कर रही है। रानीखेत-गनियाद्योली मोटर मार्ग में तीन माह पूर्व नाली निर्माण के बाद एक फिर नई सिरे से नाली निर्माण भी उन्होंने सवाल उठाया। कहा, इससे दुर्घटनाएं भी हो रहीं हैं। माहरा ने देहरादून में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस भवन में की गई तोड़-फोड़ की घटना की भी भर्त्सना की। कुछ लोगों द्वारा सरकारी पैसे से कर्ज माफी के विरोध पर कहा कि जब अडानी का 72 हजार करोड़ का कर्ज काफ हो सकता है, तो गरीब किसानों की कर्ज माफी में परेशानी क्यों। तीन राज्यों में मिली करारी हार के बाद अब भाजपा भी किसानों की कर्ज माफी की सुध लेने लगी है।

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