उधार लिए 50 हजार, चुकाए 4.5 लाख, 3 लाख बाकी
अल्मोड़ा की अदालत ने एनआई एक्ट मामले में आरोपी को बरी कर दिया। आरोपी ने चार साल में 50 हजार रुपये उधार लेकर साढ़े चार लाख रुपये चुका दिए थे, फिर भी तीन लाख रुपये की देनदारी बताई गई। कोर्ट ने सबूतों के...

अल्मोड़ा। सिविल जज सीनियर डिविजन अल्मोड़ा की अदालत ने एनआई एक्ट के मामले में फैसला सुनाया है। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि आरोपी ने परिवादी से 50 हजार रुपये उधार लिए थे। चार साल में आरोपी ने किस्तों में साढ़े चार लाख रुपये चुका दिए। अब भी उसके ऊपर तीन लाख रुपये की देनदारी शेष है। फैसला सुनाते हुए सिविल जज सीडि रविंद्र देव मिश्र ने आरोपी को एनआई एक्ट से बरी किया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अधिवक्ता दीप चंद्र जोशी ने बताया कि सत्यों लमगड़ा निवासी परिवादी ने मार्च 2025 में न्यायालय में वाद दायर किया था। कहना था कि उसके आरोपी हरीश चंद्र जोशी निवासी अनुली धारखोला लमगड़ा के साथ पारिवारिक संबंध थे।
आपसी संबंधों पर आरोपी ने जरूरत की बात कहते हुए तीन लाख रुपये उधार मांगे। इसी के नाते उसे काम चलाने के लिए उन्होंने तीन लाख रुपये दिए थे। काफी समय बीतने के बाद उधार दी गई रकम वापस नहीं की। रुपये मांगने पर अभियुक्त ने एक लाख रुपये का चेक पकड़ा दिया। जो बैंक में बाउंस हो गया। इसके बाद आरोपी को नोटिस दिए। इसके बाद भी उधार की रकम नहीं मिली। मजबूरन उसे न्यायालय की शरण में आना पड़ा। मामला कोर्ट पहुंचा तो आरोपी ने बताया कि उसने 50 हजार रुपये उधार लिए थे। बीते चार साल में वह अलग-अलग किस्तों में साढ़े चार लाख रुपये दे चुका है। अब परिवादी तीन लाख रुपये देनदारी की बात कर रहा है। न्यायालय ने तमाम सबूतों के आधार पर आरोपी को एनआई एक्ट के आरोप से बरी किया है।
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