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अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए बाहरी लोगों का हो शत-प्रतिशत सत्यापन

रानीखेत। तहसील क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के मकसद ने बाहरी लोगों के शत-प्रतिशत सत्यापन की मांग फिर जोर पकड़ गई है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि सत्यापन के कार्य में किसी भी...

अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए बाहरी लोगों का हो शत-प्रतिशत सत्यापन
हिन्दुस्तान टीम,अल्मोड़ाSun, 29 Dec 2019 04:40 PM
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तहसील क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के मकसद ने बाहरी लोगों के शत-प्रतिशत सत्यापन की मांग फिर जोर पकड़ गई है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि सत्यापन के कार्य में किसी भी तरह ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में सत्यापन का काम नियमिति रूप से नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि रानीखेत तहसील के ग्रामीण क्षेत्रों में चोरी की कई वारदातें हो चुकी हैं। चोरी की कई घटनाओं में बाहरी लोगों की संलिप्तता पकड़ी गई थी। चिलियानौला-बधाण के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य नवीन कुवार्बी ने कहा कि आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए बाहरी लोगों का शत-प्रतिशत सत्यापन होना जरूरी है, इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। पूर्व में कई आपराधिक घटनाओं में बाहरी व्यक्ति पकड़ में आ चुके हैं। बाहरी लोगों को काम पर रखने वाले ठेकेदारों सहित अन्य लोगों तथा भवन स्वामियों को किरायेदारों का अनिवार्य रूप से सत्यापन कराने के लिए सख्त हिदायत दी जानी चाहिए। शहरी क्षेत्रों तथा गोद लिए गांवों में सत्यापन का जिम्मा पुलिस है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व पुलिस सत्यापन का कार्य करती है। इस संबंध में नायब तहसीलदार हेमंत मेहरा ने कहा कि गांवों में बाहरी, अनजान लोगों की सूचना पर पटवारी के माध्यम से सत्यापन किया जाता है। जबकि रानीखेत के कोतवाल भूपेंद्र सिंह बृजवाल ने नगर में आने वाले बाहरी लोगों को कोतवाली बुलाकर पुलिस सत्यापन किया जाता है।

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