कोरोना काल में भी सरकारी अस्पतालो में भले ही सरकार के लाख दावों के बाद मरीजों को उचित उपचार नही मिल पा रहा है। लेकिन पहले की तरह ही इस साल भी सरकारी अस्पतालों में यूजर चार्जेज में दस फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। जिससे बीते साल की तुलना में अब सरकारी अस्पताल में उपचार कराना महंगा हो गया है। साल के पहले दिन ही अस्पताल पहुंचे मरीजों को बीते साल की अपेक्षा इलाज में 10 फीसदी अधिक रकम खर्च करनी पड़ी।
गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन से लेकर भर्ती शुल्क और तमाम जांचों के लिए यूजर चार्जेज 10 फीसदी बढ़ोत्तरी कर दी गई है। कोरोना काल में पहले दिन ही सरकार अस्पतालों में पहुंचे मरीजों को इलाज के लिए 10 फीसदी अधिक रकम खर्च करनी पड़ी। जिससे कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को महंगाई की दोहरी मार पड़ गई। मरीजों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बीते गुरुवार तक मरीजों को ओपीडी पर्चे के लिए जहां 25 रूपये खर्च करने पड़ रहे थे। वही पहले दिन ही 10 फीसदी बढ़ोत्तरी के साथ सरकारी अस्पताल पहुंचे मरीजों को पर्चे के लिए 28 रूपये की रकम खर्च करनी पड़ी। इलाज महंगा होने से सबसे ज्यादा दिक्कत कम आय वाले लोगों को हुई। जिला अस्पताल के पीएमएस डा. आरसी पंत ने बताया कि सरकारी आदेशों के तहत शुक्रवार नए शुल्क लिए जाएंगे।