Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़action by police after strict stance of Chief Minister Pushkar Singh Dhami many layers of registry scam exposed

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद पुलिस का ऐक्शन, रजिस्ट्री घपले की उधेड़ीं कईं परतें

  • रजिस्ट्री कार्यालय इसकी रिपोर्ट नहीं दे रहा था। यह भी नहीं बताया जा रहा था कि जिस रिकॉर्ड की जानकारी मांगी जा रही है, उसमें छेड़छाड़ की आशंका है। मगर, जब मुख्यमंत्री पुष्कर धामी तक शिकायतें पहुंचीं तो शहर कोतवाली में पिछले साल 15 जुलाई को पहला केस दर्ज किया गया।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून, हिन्दुस्तानSat, 31 Aug 2024 09:23 AM
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद ही पुलिस ने रजिस्ट्री घपले की परतें उधेड़ीं। इस मामले में एफआईआर के बाद तत्कालीन सब-रजिस्ट्रार को सस्पेंड किया गया। एआईजी-स्टाम्प का भी तबादला किया गया था।

दरअसल, रजिस्ट्री घपले की शुरुआत में पुलिस-प्रशासन के पास शिकायतें तो पहुंचीं, लेकिन तब इन्हें गंभीरता से ही नहीं लिया गया। जांच दून पुलिस के पास जाती तो रजिस्ट्री कार्यालय से रिकॉर्ड चेक कराया जाता। जमीन के रिकॉर्ड में खेल करने वालों के नाम पहले से दर्ज कराए हुए थे।

लिहाजा, रजिस्ट्री कार्यालय इसकी रिपोर्ट नहीं दे रहा था। यह भी नहीं बताया जा रहा था कि जिस रिकॉर्ड की जानकारी मांगी जा रही है, उसमें छेड़छाड़ की आशंका है। मगर, जब मुख्यमंत्री पुष्कर धामी तक शिकायतें पहुंचीं तो शहर कोतवाली में पिछले साल 15 जुलाई को पहला केस दर्ज किया गया। 

धामी उसी दिन रजिस्ट्री कार्यालय के औचक निरीक्षण पर भी चले गए। रिकॉर्ड रूम में गड़बड़ी और रजिस्ट्री में छेड़छाड़ की शिकायत पर उन्होंने सख्त कार्रवाई की हिदायत दी। धामी के सख्त रुख के चलते एक के बाद एक 13 मुकदमे दर्ज कराए गए। कुछ की जांच एसआईटी ने की तो कुछ मामले थाना पुलिस ने जांचे।

रजिस्ट्री घपले से खुली सिस्टम की पोल, सबक भी सीखा

पिछले साल दून में रजिस्ट्री घपला उजागर होने के साथ ही सरकारी सिस्टम की खामियां भी सामने आ गई थीं। रजिस्ट्री कार्यालय से लेकर राजस्व रिकॉर्ड रूम में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही थी। 

इसके बाद रजिस्ट्री कार्यालय से रिकॉर्ड रूम तक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। रजिस्ट्री और जमीनों के रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में संरक्षित रखने का काम किया गया। रजिस्ट्री घपले के सूत्रधार रजिस्ट्रार दफ्तर और रिकॉर्ड रूम से दस्तावेज लेकर हेरफेर करके जमीनें बेच रहे थे। 

यह रिकॉर्ड आसानी से आरोपियों के हाथ लग जा रहा था। जब घपला सामने आया तो मुख्यमंत्री ने सख्त रुख अख्तियार किया। इसके बाद हरकत में आए अफसरों ने जमीनों के राजस्व रिकॉर्ड की सुरक्षा को लेकर कई तरह के कदम उठाए। 

उन सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जहां से आम लोगों से लेकर कर्मचारियों तक की एंट्री होती है। इसके साथ ही, रिकॉर्ड रूम आने वाले हर शख्स का पूरा विवरण भी रखा जाने लगा।

सरकारी सिस्टम को सुधारा, डिजिटल रिकॉर्ड बनाया

डीएम सोनिका के मुताबिक, जो भी पुराना रिकॉर्ड यहां था, सबको स्कैन करके डिजिटल तरीके से सुरक्षित रख लिया गया है, ताकि कोई रिकॉर्ड में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं कर पाए। साथ ही, सीसीटीवी कैमरों से भी लगातार निगरानी की जा रही है। रजिस्ट्री कार्यालय का पूरा काम कैमरों की निगरानी में किया जाने लगा है।

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