
योगी सरकार की नई पहल, हार्ट अटैक के मरीजों के लिए रिजर्व रहेगा बेड
संक्षेप: यूपी सरकार ने हार्ट अटैक व गंभीर मरीजों के लिए नई पहल शुरू की है। इसके तहत जिलों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक अस्पतालों में विशेष बेड आरक्षित रहेंगे। मरीजों के भर्ती, जांच, इलाज और रेफरल तक के लिए पूरा तंत्र विकसित किया जा रहा है। जिससे अस्पतालों में बेड के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
यूपी वालों का दिल पूरी तरह दुरुस्त रहे इसके लिए सरकार ने नई पहल की है। इसके लिए पूरा तंत्र विकसित किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के जिलों में मरीजों के अस्पताल पहुंचने से लेकर उनके भर्ती होने, जांच, इलाज और उच्च चिकित्सा संस्थानों को रेफर किए जाने तक का पूरा ईको सिस्टम शामिल है। हृदयघात सहित गंभीर मरीजों को अस्पतालों में बेड के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। जिला स्तरीय अस्पतालों से लेकर मेडिकल कॉलेजों व अन्य चिकित्सा संस्थानों में उनके लिए बेड आरक्षित रहेंगे।
हार्ट अटैक की बात करें तो आंकड़े बताते हैं कि यूपी में हर साल लगभग दो लाख से अधिक लोग इसके शिकार होते हैं। इसमें सभी प्रकार के हार्ट अटैक के केस शामिल हैं। अब सरकार का फोकस इनमें से एक घातक प्रकार के हृदयघात स्टेमी (एसटी-एलिवेशन मायोकार्डियल इंफार्क्शन) पर है। इसके लिए एक हब एंड स्पोक मॉडल विकसित किया गया है। डा. राममनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डा. भुवन तिवारी का कहना है कि इसके तहत राजधानी लखनऊ स्थित आरएमएल एक हब के रूप में कार्य करेगा। जो विशेषज्ञ सलाह, संबंधित जिला स्तरीय अस्पताल द्वारा भेजे गए ईसीजी के हिसाब से मरीज के लिए सही उपचार की सुविधा प्रदान करेगा।
लक्षणों के आधार पर होगी प्रारंभिक पहचान
अयोध्या, देवीपाटन, सुल्तानपुर सहित कई अन्य जिलों के अस्पताल स्पोक हॉस्पीटल के रूप में काम करेंगे, जहां लक्षणों के आधार पर स्टेमी की प्रारंभिक पहचान और थ्रोम्बोलाइसिस हब (लोहिया) की निगरानी में की जाएगी। खास बात यह है कि अस्पताल आने वाले हार्ट अटैक के संभावित मरीजों की पहचान कर जिला स्तरीय अस्पतालों में तत्काल उन्हें भर्ती किया जाएगा।
कार्डियक विभाग में अतिरिक्त बेड आरक्षित
डा. भुवन तिवारी ने बताया कि इसके लिए इन अस्पतालों में स्टेमी केयर बेड आरक्षित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हब के रूप में काम करने वाले आरएमएल में रेफर होकर आने वाले मरीजों के लिए पांच बेड आरक्षित किए गए हैं। यह कार्डियक विभाग के 60 बेड के अलावा होंगे।
दूसरे मेडिकल कॉलेजों से जुड़े जिला अस्पतालों में भी होगी व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि ऐसी व्यवस्था प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों व उनसे जुड़े जिला अस्पतालों में भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि करीब 30 हजार कीमत वाले महंगे जीवन रक्षक इंजेक्शन की उपलब्धता हर अस्पताल में सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। मरीजों को स्पोक अस्पतालों से हब रेफर करने के लिए एंबुलेंस सहित तमाम सावधानियां बरती जाएंगी। गोल्डन ऑवर में मरीजों की जीवन रक्षा के लिए पूरा तंत्र विकसित किया जा रहा है।





