
विकास दुबे केस: पांच साल बाद जेल से छूटा बिकरु कांड का आरोपी, एनकाउंटर में मारा गया था बेटा
संक्षेप: पांच साल 34 दिन से जेल में बंद कानपुर के बिकरु गांव के राजेन्द्र मिश्र को हाईकोर्ट से जमानत स्वीकृत होने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया। राजेन्द्र मिश्र को हाईकोर्ट से जुलाई महीने में ही जमानत मिल गई थी,लेकिन जमानत आदेश में हत्या के प्रयास की धारा छूट जाने पर फिर से हाईकोर्ट जाना पड़ा था।
Vikas Dubey Case: उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरु गांव में 5 साल पहले अपराधी विकास दुबे के घर दबिश देने गए आठ पुलिसकर्मियों की हत्या से हड़कंप मच गया। इस कांड में बाद में पुलिस ने कई अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया था। एनकाउंटर में मारे गए प्रभात मिश्र के पिता और बिकरू कांड में आरोपित राजेन्द्र मिश्र को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार की शाम जिला कारागार से रिहा कर दिया गया। करीब 5 साल 34 दिन बाद वह जेल से बाहर आये। बिकरू कांड के आरोपितों में बिकरु गांव के रहने वाला पहला आरोपित जमानत पर जेल से बाहर आया है।
कानपुर नगर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में 2 जुलाई 2020 को विकास दुबे के गैंग ने दबिश देने गई पुलिस पार्टी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने विकास दुबे समेत 6 आरोपितों को एनकाउंटर में मार गिराने के बाद करीब 44 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इनके ऊपर पुलिस ने चार्ज आरोपित किये हैं।
इस मामले में पांच साल 34 दिन से जेल में निरुद्धत्र बिकरु गांव निवासी राजेन्द्र मिश्र को हाईकोर्ट से जमानत स्वीकृत होने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया। राजेन्द्र मिश्र को हाईकोर्ट से जुलाई महीने में ही जमानत मिल गई थी,लेकिन जमानत आदेश में हत्या के प्रयास की धारा छूट जाने पर फिर से हाईकोर्ट जाना पड़ा था।
दोबारा आदेश मिलने के बाद एक-एक लाख की दो जमानतों के सत्यापन के बाद शुक्रवार को उनकी रिहाई का परवाना जिला कारागार माती पहुंचा, जहां से शाम सात बजे उन्हें रिहा कर दिया गया। उनके अधिवक्ता संतोष बाजपेई ने बताया कि राजेन्द्र मिश्र पर पुलिस ने गैंगस्टर का मामला भी दर्ज किया था,लेकिन कोर्ट से उसमें वह बरी हो गये। बिकरु कांड की एफआइआर में उनका नाम नहीं था,लेकिन उनके बेटे प्रभात मिश्र को पुलिस ने पनकी में एनकाउंटर में मार गिराया था। अधिवक्ता ने बताया कि राजेन्द्र मिश्र ने बेटे को फरीदाबाद से लाकर पनकी में फर्जी तरीके से एनकाउंटर का विरोध किया था।





