जातिगत आरक्षण के खिलाफ युवक ने किया आत्मदाह का प्रयास
आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी के जनसम्पर्क कार्यालय जा रहे जुलूस में शामिल अविनाश आनंद ने पद्मश्री चौराहे के पास आत्मदाह की कोशिश की। पुलिस के सामने हुई इस घटना के...
आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी के जनसम्पर्क कार्यालय जा रहे जुलूस में शामिल अविनाश आनंद ने पद्मश्री चौराहे के पास आत्मदाह की कोशिश की। पुलिस के सामने हुई इस घटना के बाद अफतरातफरी मच गयी। आनन-फानन में पुलिस ने आग बुझाकर युवक को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया। युवक का दाहिना हाथ झुलस गया है। चिकित्सक के अनुसार उसकी हालत खतरे से बाहर है। अविनाश आनंद यूपी कॉलेज का पूर्व छात्रनेता रहा और वह आर्थिक आधारित आरक्षण समर्थक समाज का जिलाध्यक्ष है। भेलूपुर पुलिस ने अविनाश समेत पांच को आत्महत्या के प्रयास व धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
अविनाश और उसके संगठन के करीब डेढ़ सौ युवकों ने सुबह 10.45 बजे लंका स्थित रविदास गेट से जुलूस निकाला। बैनर तख्तियां लिये युवक जातिगत आरक्षण समाप्त करने के समर्थन में नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। जुलूस रवींद्रपुरी एक्सटेंशन से पद्मश्री चौराहा की ओर बढ़ा तभी वहां पहले से बैरिकेडिंग लगाकर मौजूद पुलिसकर्मियों ने युवकों को रोक लिया। प्रदर्शनकारी जनसम्पर्क कार्यालय जाने की जिद पर अड़ गये। पुलिस अभी युवकों को समझाने की कोशिश कर रही थी तभी अवनिाश आंनद से जेब से ज्वलनशील पदार्थ से भरी शीशी निकाली। उसमें का तरल पदार्थ अपने ऊपर उड़ेला और आग लगा ली। यह देख जुलूस में शामिल कुछ लोग और पुलिसकर्मी आग बुझाने में जुट गये। अन्य लोग भागने लगे। हालांकि अस्पताल में भर्ती अविनश आंनद और उसके साथियों का कहना है कि वे धरने पर बैठे थे तभी किसी ने पीछे से ज्वलनशील पदार्थ फेंक दिया जिससे वह झुलस गया। चिकित्सक के अनुसार अविनाश चार प्रतिशत झुलसा है। पुलिस ने मौके से बीएचयू के एमजे के छात्र व पिंडरा निवासी गौरीश सिंह, चोलापुर क्षेत्र के भुसौला के देवेंद्र सिंह, छतांव के आशु व हरेंद्र कुमार को हिरासत में ले लिया है।
चार माह पहले राष्ट्रपति को भेजा था ज्ञापन
भेलूपुर पुलिस की हिरासत में लिए गये आर्थिक आधार पर आरक्षण के समर्थक व बीएचयू के छात्र गौरीश सिंह ने बताया कि उनका संगठन चार साल से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। जातिगत आरक्षण के खिलाफ संगठन से वाराणसी व आसपास के 90 हजार लोगों के हस्ताक्षर कराये और महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा था। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय तब अपनी बात पहुंचाने के लिए संगठन ने जनसम्पर्क जाने का निर्णय किया। जुलूस से एक घंटा पहले पीएम के जनसमर्पक कार्यालय जाकर प्रभारी शिवशरण पाठक से बात की। इसके बाद जुलूस लेकर चले। गौरीश देवेंद्र, आशु और हरेंद्र का कहना था कि उनका विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। हमारे आंदोलन को बदनाम करने के लिए कुछ अवांछनीय तत्व जुलूस में घुस गये और उन्होंने ज्वलनशील पदार्थ फेंक दिया।
खुफिया विभाग को नहीं थी भनक
पीएम के जनसम्पर्क कार्यालय पर प्रदर्शन और ज्ञापन देने से पहले रविवार को संगठन की ओर से बाकायदा समाचार पत्रों को विज्ञप्ति जारी की गयी थी। शहर के छोटे-छोटे कार्यक्रमों पर नजर रखनेवाली स्थानीय अभिसूचना इकाई को इसकी भनक नहीं लग सकी। सूत्रों के अनुसार रविदास गेट से जब जुलूस चला तभी अविनाश ने प्लस्टिक की शीशी में में भरा ज्वलनशील पदार्थ जेब में रख लिया था। इधर, पुलिस धरने पर बैठे युवकों को समझाने में उलझी हुई थी तभी घटना हो गयी। इसके आधे घंटे के बाद एलआईयू के अधिकारी पहुंचे।
नहीं लिये जाते ज्ञापन, सुनी जाती है समस्याएं
पीएम के जनसमर्पक कार्यालय के प्रभारी शिवशरण पाठक ने कहाकि ज्ञापन स्वीकार नहीं किये जाते। यदि किसी को समूह में विरोध, प्रदर्शन करना और ज्ञापन देना है तो वे डीएम कार्यालय जाय। जनसम्पर्क कार्यालय में लोगों की समस्याएं सुनी जाती हैं और उस पर कार्रवाई के लिए पत्र को सम्बंधित अफसर तक भेजा जाता है। आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करनेवालों में से एक व्यक्ति ने कार्यालय आकर सम्पर्क किया था। लेकिन उसने अपनी मंशा स्पष्ट नहीं की।