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इनसे सीखें: छत पर सब्जियां उगा लोगों को दिखाई सेहत की राह

कृषि विभाग से रिटायर 85 वर्षीय दाताराम श्रीवास्तव लोगों के लिए न केवल नजीर हैं बल्कि प्रेरणास्रोत भी। उन्होंने अर्दली बाजार स्थित अपने घर की छत पर कई प्रकार सब्जियां और औषधियां उगाकर साबित किया है कि...

छत पर सब्जियां उगा लोगों को दिखाई सेहत की राह (फोटो-मोहम्मद मुकीद)
1/ 3छत पर सब्जियां उगा लोगों को दिखाई सेहत की राह (फोटो-मोहम्मद मुकीद)
अर्दली बाजार स्थित घर की छत पर दाताराम श्रीवास्तव (फोटो-मोहम्मद मुकीद)
2/ 3अर्दली बाजार स्थित घर की छत पर दाताराम श्रीवास्तव (फोटो-मोहम्मद मुकीद)
1994 में गाजीपुर से कृषि प्रसार अधिकारी के पद से हुए से सेवानिवृत्त (फोटो-मोहम्मद मुकीद)
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वाराणसी। वाचस्पति उपाध्यायTue, 22 May 2018 11:59 AM
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कृषि विभाग से रिटायर 85 वर्षीय दाताराम श्रीवास्तव लोगों के लिए न केवल नजीर हैं बल्कि प्रेरणास्रोत भी। उन्होंने अर्दली बाजार स्थित अपने घर की छत पर कई प्रकार सब्जियां और औषधियां उगाकर साबित किया है कि कम जगह का रोना रोने वाले शहरी भी ऐसा कर सकते हैं और रासायनिक खादों के दुष्प्रभावों से दूर रोज ताजी सब्जियों का स्वाद ले सकते हैं। 

दाताराम ने अपनी छत पर पालक, सेम, चौराई, मूली, खीरा, बैंगन, पुदीना, नेनुआ, लौकी तो उगाया ही है, जाड़े में पैदा होने वाला साग बथुआ भी उनके यहां मिल जाएगा। इसके अलावा एक दर्जन से ज्यादा औषधीय पौधे भी उनके टेरिस गार्डन में हैं। 

दाताराम श्रीवास्तव वर्ष 1994 में कृषि प्रसार अधिकारी (एईओ) के पद से रिटायर हुए हैं। वह न सिर्फ परिवार में बल्कि पड़ोसियों को भी सेहतमंद सब्जी खिलाते हैं और इनके उगाने विधियां भी बताते हैं। उन्होंने पिछले साल छत पर 53 किलोग्राम आलू उगाया था। वह बताते हैं कि थोड़े प्रयास से परिवार की जरूरतों के अनुसार घर पर भी सब्जियां उगाई जा सकती हैं। छह इंच मोटी मिट्टी की परत में यह संभव हो सकता है। हां, आलू के लिए 12 इंच मिट्टी होनी चाहिये। 

छत पर ही औषधीय पौधे गिलोय, शतावर, निर्गुंडी, एलोवेरा, पत्थरचट्टा, सदाबहार, पारिजात, तुलसी की कई किस्में, भूमिआंवला उगाये गये हैं। वह इनका इस्तेमाल मोहल्ले या रिश्तेदारी में किसी के बीमार पड़ने पर करते हैं। दाताराम ने बताया कि गिलोय की पत्ती व डंढल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। शतावर की जड़ को गाय व भैंस को देने से बिना इंजेक्शन के दूध बढ़ता है।

छत पर तैयार होती है जैविक खाद
दाताराम ने छत पर ही खाद पिट बनाई है। इसमें पत्तियों को डालकर खाद बना लेते हैं। वह घर में ही ढैंचा भी बोते हैं। उन्होंने बताया कि ईंट बिछाकर लकड़ी की पटिया पर प्लास्टिक के बोरे में छेद करके इस पर मिट्टी की परत बिछाकर सब्जियां उगाई जा सकती हैं। 

मेट्रोपॉलिटन शहरों में प्रचलित है टेरेस गार्डेन
बंगलुरू, नोएडा, गुड़गांव आदि शहरों में छतों पर सब्जियां उगाने की प्रक्रिया प्रचलित है। बंगलुरू में तो बड़े पैमाने पर टेरेस वेजिटेबल गार्डेन प्रचलित है। लोग इससे आजीविका भी चला रहे हैं।

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