‘वर्णिकाभंग चित्रकारों पर केंद्रित विशेष ग्रंथ
Varanasi News - वाराणसी में डॉ. गौतम चटर्जी की पुस्तक 'वर्णिकाभंग' का विमोचन समारोह हुआ। यह पुस्तक चित्रकारों की सृजन-विशेषता और कला-दृष्टि का विश्लेषण करती है। डॉ. एस. प्रमाण सिंह ने इसे सभी पाठकों के लिए उपयोगी...
वाराणसी, मुख्य संवाददाता। ‘वर्णिकाभंग भारतीय एवं विश्व प्रसिद्ध चित्रकारों की कलाकृतियों पर केंद्रित विशिष्ट आलेख-संग्रह है। प्रत्येक निबंध किसी न किसी चित्रकार की सृजन-विशेषता, सौंदर्यबोध और कला-दृष्टि का गहन विश्लेषण करता है। डॉ. गौतम चटर्जी ने इसका लेखन कर अदम्य साहस का परिचय दिया है। ये बातें प्रख्यात चित्रकार डॉ. एस.प्रमाण सिंह ने कहीं। वह चारूपाठ प्रकाशन से प्रकाशित डॉ. गौतम चटर्जी की इस कृति के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि थे। शिवाला स्थित एक होटल में हुए समारोह में उन्होंने कहा कि यह पुस्तक केवल कला-जगत से जुड़े शोधार्थियों और शिल्प-रसिकों के लिए ही नहीं, बल्कि सामान्य पाठकों के लिए भी पठनीय और उपयोगी है।
काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग एवं राज्य ललित कला अकादमी के अध्यक्ष डॉ. सुनील विश्वकर्मा ने कहा कि चित्रकला पर उपलब्ध ज्यादातर संदर्भग्रंथ अंग्रेजी में हैं। ऐसे में हिंदी में रचित यह पुस्तक विद्यार्थियों, शोधार्थियों और कलाप्रेमियों के लिए विशेष महत्व रखती है। इस अवसर पर डॉ. सुरेश नायर, डॉ. एस. जागीर, डॉ. अजय उपासनी, डॉ. सुनील कुमार सिंह कुशवाहा, रंगकर्मी वैभव शर्मा, राजकुमार और सुमित बिंदु आदि रहे। धन्यवाद ज्ञापन जयदेव दास ने किया।
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