वाराणसी: दिल्ली से बिहार जा रहे युवक की सड़क किनारे मौत, सांस फूलने के कारण एम्बुलेंस वालों ने भी नहीं लगाया हाथ
दिल्ली से पैदल ही बिहार जा रहे युवक की वाराणसी में गुरुवार की सुबह मौत हो गई। नेशनल हाइवे पर सड़क पर गिरने के बाद लोगों ने पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दी। एम्बुलेंस पहुंची तो युवक की सांसें तेजी...
दिल्ली से पैदल ही बिहार जा रहे युवक की वाराणसी में गुरुवार की सुबह मौत हो गई। नेशनल हाइवे पर सड़क पर गिरने के बाद लोगों ने पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दी। एम्बुलेंस पहुंची तो युवक की सांसें तेजी से चल रही थीं। कोरोना के भय और सुरक्षा किट नहीं होने से स्वास्थकर्मियों ने हाथ लगाने से इनकार कर दिया। इससे मौके पर उसकी मौत हो गई। पुलिस ने उसके पास से मिली आईडी से पहचान की और घर वालों को सूचना दी गई।
दिल्ली-कोलकाता नेशनल हाइवे पर रोहनिया के मोहनसराय फ्लाईओवर पर गुरुवार की सुबह लोगों ने युवक को सड़क किनारे गिरा देखा। उसकी सांसें तेजी से चल रही थीं। लोगों ने तत्काल एम्बुलेंस और पुलिस को फोन से सूचना दी। एम्बुलेंस पहुंचीं लेकिन कोरोना की आशंका में सुरक्षा किट नहीं होने के कारण हाथ नहीं लगाया। इस दौरान आधे घंटे तक युवक तड़पता रहा और लोग देखते रहे। उसकी हालत देखकर मोहनसराय चौकी प्रभारी गौरव पांडे ने एम्बुलेंस वालों पर दबाव बनाया। जब तक एम्बुलेंसकर्मी उसे ले जाने को तैयार हुए युवक की मौत हो चुकी थी।
युवक के पास से मिले फोन नंबर पर उसकी बहन से बात हुई। पता चला कि बिहार के बेगूसराय कुड़ीहार का रहने वाला था। बहन ने बताया कि वह आरो बेचने वाली मार्शल गाड़ी चलाता था। परसो फोन करके कहा था कि मैं घर आना चाह रहा हूं। मेरी तबीयत ठीक नहीं है। मुझे भूख नहीं लग रही है। परिवार वालों ने कहा कि अभी लॉकडाउन में मत आना। वहीं पर सरकारी अस्पताल में जांच करवाकर दवा ले लो। इसके बाद भी घर आने के लिए चल पड़ा।
रोहनिया थाना प्रभारी परशुराम त्रिपाठी ने बताया कि वह बनारस तक पैदल ही आया या किसी गाड़ी से यह पता नहीं चल सका है। मोहनसराय में भी कई गाड़ियां उधर से आई हैं। हो सकता है उसमें से किसी से आया हो। मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।