बोले काशी : शिकायती पत्रों का वजन बढ़ा, उपेक्षा का दर्द नहीं घटा
Varanasi News - वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र में अनमोल नगर कॉलोनी के निवासी बुनियादी सुविधाओं की कमी से परेशान हैं। कॉलोनी के फेज-2 में सीवर और पेयजल की पाइपलाइन नहीं है, जबकि फेज-1 में ये सुविधाएं उपलब्ध हैं। लोग...
वाराणसी। सारनाथ क्षेत्र में पर्यटन विकास की दृष्टि से अनेक काम हुए हैं जबकि इस क्षेत्र की कॉलोनियों का अनियोजित विकास पूरे सिस्टम को मुंह चिढ़ाता है। असंतुलित विकास का दर्द कई फेज में बनी कॉलोनियों में अधिक है। उनमें अनमोल नगर भी है। इसके फेज-वन में पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं हैं जबकि फेज-2 के बाशिंदे उनके लिए गुहार लगा रहे हैं। सड़क-सीवर, पेयजल समस्याओं से जुड़े उनके शिकायती पत्रों का वजन लगातार बढ़ रहा है जबकि उपेक्षा का दर्द रंचमात्र नहीं घटा है। नागरिकों का सवाल है, उनके साथ सौतेलापन क्यों? अनमोल नगर कॉलोनी-फेज दो (नवापुरा) सारनाथ संग्रहालय से कुछ मीटर की दूरी पर है।
यहां समस्याओं की ढेर दिखती है। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में कॉलोनीवासियों का दर्द उभरा कि कहने को यह कॉलोनी पुराने शहर का हिस्सा है। दो दशक से कॉलोनी के लोग नगर निगम को पूरा टैक्स भी दे रहे हैं मगर नगर निगम ने उपेक्षित छोड़ रखा है। पता नहीं, पार्षद-महापौर और मंत्री की भी नजर-ए-इनायत क्यों नहीं हो रही है? लालचंद्र वर्मा, मनोज कुमार यादव के मुताबिक कॉलोनी की सबसे बड़ी पीड़ा यह है कि पुराने शहर का हिस्सा होने के बाद भी अब तक सीवर और पेयजल पाइप लाइन नहीं बिछी है। जबकि ये सुविधाएं पड़ोस की अनमोल नगर फेज वन में काफी पहले आ गईं। नागेंद्र सिंह ने बताया कि वर्षों से हम लोग पार्षद, महापौर, अपने विधायक और राज्यमंत्री से शिकायतें कर रहे हैं। शिकायती पत्र की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। गुहार की है लंबी कड़ी अजय कुमार सिंह, अशोक कुमार दुबे ने कहा कि किसी कॉलोनी में जितनी समस्याएं कोई सोच सकता है, वे सब यहां हैं। यह कॉलोनी साल 2005 में बसी, करीब छह हजार की आबादी है। कॉलोनी में सड़क में गड्ढे नहीं हैं, गड्ढों में सड़क है। चंद्रदेव प्रजापति ने बताया कि हमारी शिकायतों की लंबी सूची है। 2022 में विधायक एवं राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल को लिखित शिकायत की गई। मंत्रीजी ने 15 जनवरी 2023 को जल निगम को सीवर लाइन के लिए पत्र लिखा था। अब तक कोई परिणाम नहीं दिखा। 21 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत हुई तो चार जनवरी 2025 को जल निगम (नगरीय) से लिखित जवाब मिला कि सीवर का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, स्वीकृति मिलने के बाद कार्य शुरू होगा। चार जून 2025 को आईजीआरएस पर शिकायत करने पर जल निगम (नगरीय) की ओर से 23 जून 2025 को जवाब मिला। इस बार भी पुराना जवाब दिया गया कि डीपीआर शासन को भेजा गया है, स्वीकृति मिलते ही काम शुरू होगा। 28 दिसंबर 2023 को महापौर अशोक कुमार तिवारी को ज्ञापन दिया गया था। इससे पहले पूर्व महापौर मृदुला जायसवाल से भी लिखित शिकायत की गई थी। बांस-बल्लियों के सहारे तार हरेंद्रनाथ पांडेय, हृदयनारायण राय, लालचंद्र वर्मा, मनोज कुमार यादव का क्षोभ उभरा कि बिजली विभाग हम लोगों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। मकानों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं लेकिन बिजली के तार बांस-बल्लियों से गुजारे गए हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायत की जाती है तो आश्वासन देने के साथ वे तकनीकी पक्ष समझाने लगते हैं। झाड़ू लगे महीनों बीते कॉलोनी में कई माह में एक दो बार झाड़ू लगती है। नागेंद्र सिंह, सुबचन सिंह यादव, सूबेदार तिवारी, सुरेश सिंह यादव ने कहा, हमलोगों को याद नहीं कि पिछली बार कब सफाई कर्मियों ने झाड़ू लगाई थी। यदि कॉलोनी में झाड़ू लगाने आते भी हैं तो कुछ जगह लगाकर चले जाते हैं। केवल डोर टु डोर कूड़ा उठान होता है। पुलिस की गश्त नहीं उमेशचंद्र मिश्रा ने बताया कि कॉलोनी में कभी भी पुलिस की गश्त नहीं होती है। इससे चोरी की घटनाओं और असामाजिक तत्वों का डर बना रहता है। पुलिस प्रशासन को समय-समय पर कॉलोनी में गश्त की व्यवस्था करनी चाहिए। स्ट्रीट लाइट की जरूरत उमेश सिंह ने कहा कि कॉलोनी में पर्याप्त रूप से स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। कई जगह पोल भी नहीं लगाए गए हैं। स्ट्रीट लाइटें खराब होती हैं तो शिकायत के बाद कब बनेंगी, यह तय नहीं होता। जलभराव की समस्या श्यामबिहारी यादव के मुताबिक बारिश के दौरान कॉलोनी में जलभराव के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। दो पहिया वाहनों से अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं, लोग चोटिल होते हैं। सड़कों पर दो तीन फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं। साल 2012 में सड़क बनाई गई थी, उसके बाद नगर निगम के अधिकारी झांकने भी नहीं आए। सड़कों के रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। सुझाव 1. पूरी कॉलोनी में नियमित रूप से झाड़ू लगे। सड़कों से कूड़ा उठना चाहिए जिससे कॉलोनी में गंदगी न दिखे। 2. कॉलोनी में जल्द से जल्द सीवर पाइप लाइन बिछाने के लिए सर्वे कराया जाए। सर्वे के बाद पाइप लाइन बिछाई जाए। 3. नगर निगम पेयजल पाइप लाइन बिछाने के लिए कार्ययोजना बनाए। पेयजल समस्या से लोगों को निजात दिलाई जाए। 4. कॉलोनी की सड़कों की अभी मरम्मत और बारिश के बाद सड़क निर्माण कराया जाए। कच्चे रास्तों को पक्का किया जाए। 5. बिजली विभाग बांस-बल्लियों से गुजारे गए तारों को पोल पर शिफ्ट करे जिससे कॉलोनीवासियों के लिए खतरा न रहे। शिकायतें 1. कॉलोनी में दो-तीन माह में झाड़ू लगती है। सफाई कर्मी आते भी हैं तो एक या दो लेन में ही काम करके चले जाते हैं। 2. कॉलोनी में अब तक सीवर लाइन नहीं बिछाई गई है। उसके अभाव में बारिश में हालात नारकीय हो जाते हैं। 3. कॉलोनी में पेयजल पाइप लाइन नहीं बिछाई गई है। गर्मी में ज्यादा पेयजल किल्लत झेलनी पड़ती है। 4. कॉलोनी की सड़कें बेहद खराब हैं। अनगिनत गड्ढे हैं। बारिश में ये गड्ढे जानलेवा साबित हो सकते हैं। 5. बांस-बल्लियों के सहारे बिजली के तार ले जाए गए हैं। विभाग में कई बार शिकायतें की गईं लेकिन सुनवाई नहीं हुई। किसे सुनाएं दर्द कॉलोनी के फेज वन में सड़क-सीवर, पेयजल आदि सुविधाएं हैं, न जाने क्यों हमारी कॉलोनी को छोड़ दिया गया। अजय कुमार सिंह कॉलोनी की एक सड़क, लेन चलने लायक नहीं है। वर्षों से हम नगर निगम को टैक्स देते हैं मगर सुविधा नहीं मिलती। अशोक कुमार दुबे कॉलोनी के लोग ही बांस-बल्ली, पोल लगाकर तार ले गए हैं जबकि बिजली का कनेक्शन लिया है। चंद्रदेव प्रजापति घर के पास जलजमाव रहता है। इससे मकान को नुकसान हो सकता है। कोई समाधान नहीं होता। बृजेश राय बारिश में कॉलोनी में आना जाना मुश्किल हो गया है। गड्ढों में सड़क है, आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। हरेंद्रनाथ पांडेय करीब 12 साल पहले कॉलोनी में सड़क बनी थी जो रखरखाव के अभाव में बदहाल हो गई है। हृदयनारायण राय कॉलोनी में सीवर पाइप लाइन नहीं है। जबकि आसपास की कॉलोनियों में वर्षों पहले बिछाई जा चुकी है। श्यामबिहारी यादव कॉलोनी में पुलिस की गश्त नहीं होती है। इससे लोगों में असुरक्षा की भावना बनी रहती है। सुबचन सिंह यादव कॉलोनी में पेयजल पाइप लाइन नहीं बिछी है। ढेरों शिकायतें पर जवाब मिला, शासन से स्वीकृति के बाद काम होगा। सूबेदार तिवारी पिछले कई वर्षों से पार्षद, महापौर, मंत्री से शिकायत ही कर रहे हैं। समाधान का इंतजार है। सुरेश सिंह यादव मुझे याद नहीं कि कभी कॉलोनी में सफाई कर्मियों ने झाड़ू लगाई हो। केवल डोर टू डोर कूड़ा उठता है। उमेशचंद्र मिश्रा कई जगह स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। कई जगह पोल भी नहीं हैं। स्ट्रीट लाइट खराब होने पर महीनों ठीक नहीं होती। उमेश सिंह
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




