केंद्रीय मंत्री का दावा, काशी में नवंबर के बाद गंगा में नहीं गिरेगा किसी नाले से सीवर
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि काशी में इस साल नवंबर तक गंगा आचमन योग्य हो जाएंगी। इसके बाद एक बूंद सीवेज गंगा में नहीं जाएगा। जबकि देश में यह स्थिति दो साल में आएगी। गंगोत्री...
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि काशी में इस साल नवंबर तक गंगा आचमन योग्य हो जाएंगी। इसके बाद एक बूंद सीवेज गंगा में नहीं जाएगा। जबकि देश में यह स्थिति दो साल में आएगी। गंगोत्री से गंगासागर तक हर जगह गंगा में शोधित जल गिरेगा। इस लक्ष्य के साथ नमामि गंगे के तहत काम चल रहे हैं।
सर्किट हाउस में मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रमना एसटीपी बनने के बाद काशी में सभी 23 नाले बंद हो जाएंगे जिससे गंगा में शोधित जल ही गिरेगा। अभी 20 नाले बंद हो चुके हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना की शुरुआत गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा का पानी आचन योग्य बनाने के लक्ष्य के साथ शुरू हुई थी। उत्तर प्रदेश में 87 प्रोजेक्ट शुरू किए गए थे। इनमें तीन प्रोजेक्ट बनारस में लिया गया था। उनमें दीनापुर, गोइठहां एसटीपी से शोधित जल वरुणा व गंगा में जा रहा है। रमना एसटीपी का काम भी नवंबर तक पूरा हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि बनारस में असि नदी के पानी के शुद्धिकरण के लिए बायो रमिडेशन तकनीक का इस्तेमाल होना था। नगर निगम सीएसआर फंड के जरिए पहले से यह काम कर रहा है। इसकी समीक्षा भी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के तहत काशी में 26 घाटों का सुंदरीकरण हो रहा है। घाटों का सुधार गंगा के जलस्तर को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
गंगा की अविरलता के लिए हो रहा काम
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि गंगा की अविरलता सर्वाधित जरूरी है। नमामि गंगे के तहत गंगा में अविरलता के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं ताकि आवश्यक पानी मौजूद रहे। मंत्री ने कहा कि प्रदूषण स्तर नियंत्रित रखने के लिए भी गंगा में अविरलता जरूरी है।