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रेलवे ट्रैक पर दौड़ीं एक साथ दो मालगाड़ियां

परिचालन सुधारने के लिए उत्तर रेलवे ने बनारस में नई पहल शुरू की है। एक साथ दो मालगाड़ी जोड़कर चलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ट्रायल में यह प्रयोग सफल रहा है।  अफसरों का कहना है कि इसका बड़ा...

रेलवे ट्रैक पर दौड़ीं एक साथ दो मालगाड़ियां
वाराणसी। अमित वर्मा Wed, 13 Jun 2018 12:29 PM
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परिचालन सुधारने के लिए उत्तर रेलवे ने बनारस में नई पहल शुरू की है। एक साथ दो मालगाड़ी जोड़कर चलाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ट्रायल में यह प्रयोग सफल रहा है। 
अफसरों का कहना है कि इसका बड़ा फायदा यह होगा कि न केवल हजारों लीटर डीजल बचेगा, बल्कि चालक और गार्ड दूसरे ट्रेनों के लिए उपलब्ध रहेंगे। खास यह कि अभी तक ट्रैक खाली न होने से मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों को आउटर या दूसरे छोटे स्टेशनों पर रोकना पड़ता था, इस पहल से परिचालन में सुधार आयेगा।

लखनऊ मंडल के बनारस क्षेत्र में मालगाड़ियों को ‘लांग हॉल’ जोड़कर चलाया जा रहा है। 03 जून से अब तक 10 मालगाड़ियां पांच बार में गुजारी जा चुकी हैं। मालगाड़ियों को मुगलसराय यार्ड में जोड़ा जा रहा है। इसके लिए अभी दो इंजन का प्रयोग हो रहा है। 58-58 वैगन को साथ जोड़कर माल समेत गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। 

एक ही इंजन से चलाने की तैयारी
कोयला लदे एक वैगन का वजन चार हजार टन होता है। ऐसे 58-58 वैगन वाली गुड्स ट्रेनों को ले जाने के लिए 5500 हार्सपावर के दो-दो इंजन का इस्तेमाल हो रहा है। बीच के इंजन पर जोर नहीं पड़ता। अभी केवल उसे सपोर्टिंग पावर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। रूटीन में आ जाने पर अधिक पावर के इंजन से दो-दो मालगाड़ियां चलाने की योजना है।

पूर्वोत्तर रेलवे में सुपर क्रैक्स
पूर्वोत्तर रेलवे में भी सुपर क्रैक्स से मालगाड़ियों के संचालन से क्रू और गार्ड के साथ ईंधन की बचत की जा रही है। छपरा से गोंडा के लिए चलने वालीं मालगाड़ियों का ठहराव गोरखपुर में होता था, यहां से क्रू और गार्ड बदले जाते थे। अब गोरखपुर में ठहराव बंद कर दिया गया है। अब सीधे गोंडा में क्रू और गार्ड बदले जा रहे हैं। बीच में गाड़ी न रुकने से ईंधन की भी बचत हो रही है। औसतन रोज दो मालगाड़ियां इस तरह से गुजारी जा रही हैं। 

इस प्रयोग से लाइन खाली मिलने लगी है। साथ ही क्रू तथा गार्ड की बचत हो रही है। 
- गौरव दीक्षित, एओएम (गुड्स), कैंट स्टेशन

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