तीन साल बाद काशी विद्यापीठ में पीएचडी में पंजीकरण की तैयारी
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में तीन साल बाद इस सत्र में शोध में पंजीकरण के लिए प्रवेश परीक्षा कराने की तैयारी शुरू हो गई है। सभी कॉलेजों से शोध की रिक्त सीटों का ब्योरा तलब किया गया...
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में तीन साल बाद इस सत्र में शोध में पंजीकरण के लिए प्रवेश परीक्षा कराने की तैयारी शुरू हो गई है। सभी कॉलेजों से शोध की रिक्त सीटों का ब्योरा तलब किया गया है। विभागवार विवरण 15 फरवरी तक सम्बद्ध कॉलेजों को भेजना है। इसमें स्वायत्तशासी कॉलेज यूपी कॉलेज और अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज भी शामिल हैं।
यूजीसी के निर्धारित मानक के अनुसार कॉलेजों को अपनी सीटें तय करनी है। प्रोफेसर के अधीन आठ, एसोसिएट प्रोफेसर के अधीन छह, असिस्टेंट प्रोफेसर के तहत चार शोध छात्रों का पंजीकरण हो सकता है।
इससे पहले 2016 में विश्वविद्यालय में शोध प्रवेश परीक्षा हुई थी। इसके बावजूद कई विभागों और सम्बद्ध कॉलेजों में पीएचडी की सीटें नहीं भर पाई हैं। पिछले दिनों इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) की बैठक में यह फैसला हुआ था कि शोध में पंजीकरण के लिए हर वर्ष प्रवेश परीक्षा होगी।
इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ा कारण है विश्वविद्यालय की रैंकिग। हाल में हुए ग्रेडिंग में नैक (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन) काउंसिल ने विश्वविद्यालय को सी ग्रेड दे दिया है। इसका कारण रिसर्च के मानक पर विश्वविद्यालय काफी पीछे था। इसकी वजह पीएचडी में प्रवेश करीब तीन साल से बंद है।