वाराणसी। निज संवाददाता
विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) पशुपति नाथ मिश्र ने गवाह की हत्या में दोषी पाते हुए लल्लापुरा के जमील अहमद, सिगरा के बड़ा चतरा निवासी टुल्लू व शकील अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों पर 10500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अभियोजन की ओर से एडीजीसी रोहित मौर्य व वादिनी के अधिवक्ता संजय राय ने पक्ष रखा।
पितरकुंडा की नाजिमा ने 14 नवंबर 2008 को सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे के मुताबिक नाजिमा के भाई शकील अहमद और लल्लापुरा के जमील अहमद उर्फ शीशेवाला दोस्त थे। दोनों बीसी खेलते थे। बीसी के 30.35 लाख रुपये जमील ने रखे थे। भाई शकील ने रुपये मांगे तो जमील ने विवाद कर लिया। साल 2006 में शकील की हत्या कर दी गई। इस घटना में जमील व अन्य आरोपित हैं। प्रकरण में वादिनी नाजिमा व शकील का भाई वसीर अहमद गवाह थे। नवंबर 2008 में नाजिमा वसीर के साथ मां की दवा लेने जा रही थी। घर से कूछ दूर जमील, टुल्लू, शकील अहमद और खलील आए। जमील ने वसीर को गोली मार दी। एक अन्य आरोपित खलील की 2012 में मृत्यु हो चुकी है।