बीएचयू में संघ भवन के पुन: अस्तित्व में आने की राह खुली
इमरजेंसी काल में बीएचयू में तोड़ गए आरएसएस भवन के पुन: अस्तित्व में आने की राह 47 साल बाद खुलती दिख रही है। इस प्रकारण में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय...
वाराणसी। प्रमुख संवाददाता
इमरजेंसी काल में बीएचयू में तोड़ गए आरएसएस भवन के पुन: अस्तित्व में आने की राह 47 साल बाद खुलती दिख रही है। इस प्रकारण में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बीएचयू के कुलसचिव से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। मंत्रालय ने पूरे प्रकरण की शीघ्र रिपोर्ट मांगी है।
बीएचयू में 1931 में संघ की शाखा शुरू हुई थी। तब उस शाखा से संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ‘गुरुजी भी जुड़े थे। आध्यात्मिक प्रवृत्ति व भारत माता के प्रति ध्येय की समानता के कारण महामना मालवीय की पहल पर 1937-38 में दो कमरों का भवन संघ भवन बनवाया गया। महामना ने उस समय के प्रति कुलपति राजा ज्वाला प्रसाद से भवन बनवाया था। वर्तमान विधि संकाय परिसर में बने भवन को ‘संघ स्टेडियम नाम मिला था। बीएचयू के अभिलेखों में इसे ‘आरएसएस आर्मरी कहा गया है।
इमरजेंसी काल में 22 फरवरी 1976 को तत्कालीन कुलपति कालूलाल श्रीमाली के कार्यकाल में संघ भवन को रातोंरात गिरवा दिया गया था। इस प्रकरण में शिकायत दर्ज कराने वाले सुंदरपुर निवासी प्रमिल पांडेय ने बताया कि लंबे समय से संघर्ष के बाद फिर से उम्मीद जगी है। मंगलवार को शिक्षा मंत्रालय से फोन पर भी उनको कुलसचिव को भेजे पत्र के बारे में जानकारी दी गई है। शिक्षा मंत्रालय ने इस प्रकरण में बीएचयू को सभी तथ्यों से अवगत कराने को कहा है। प्रमिल पांडेय ने कहा कि संघ भवन को पुन: अस्तित्व में लाने के लिए बीएचयू एक्ट में यदि संशोधन करना पड़े तो उससे भी पीछे नहीं हटना चाहिए।