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ईद : पहले खुदा का शुक्रिया फिर बांटी ईद की खुशियां

एक माह रोजा के बाद मोमिनों ने शनिवार को खुदा की बारगाह में सजदा कर शुक्रिया अदा किया। मस्जिदों व ईदगाहों में नमाजियों का हुजूम उमड़ा रहा। ईद की खुशी में लबरेज लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद...

ईद : पहले खुदा का शुक्रिया फिर बांटी ईद की खुशियां
वाराणसी। निज संवाददाता Sun, 17 Jun 2018 11:46 AM
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एक माह रोजा के बाद मोमिनों ने शनिवार को खुदा की बारगाह में सजदा कर शुक्रिया अदा किया। मस्जिदों व ईदगाहों में नमाजियों का हुजूम उमड़ा रहा। ईद की खुशी में लबरेज लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद दी। ईद की नमाज के दौरान ईदगाहों और मस्जिदों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही।

शुक्रवार को देर शाम चांद होने के बाद से ही घरों में ईद की तैयारियां जोरों पर थीं। हर ओर खुशियां छा गईं। बाजार रातभर गुलजार रहे। शनिवार को फज्र की नमाज के बाद ईद की नमाज का वक्त नजदीक आया। लकदक लिबास में बड़ों संग बच्चे मस्जिदों व ईदगाहों की ओर से निकल पड़े। आमदिनों की अपेक्षा आज मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा करने वालों की भीड़ ज्यादा रही। लगभग सभी आयुवर्ग के लोग अल्लाह की बारगाह में सजदा करने पहुंचे थे। उन्होंने दो रकात शुक्रान-ए-ईद की नमाज अदा की। नमाजियों की भीड़ के कारण कई मस्जिदों व ईदगाहों के बाहर सड़क पर भी नमाज अदा कराई गई। सबसे पहले बजरडीहा स्थित ईदगाह अहले हदीस में सुबह 6.30 बजे नमाज हुई। जबकि सबसे अंत में नई सड़क स्थित लंगड़ हाफिज मस्जिद एवं सदर इमामबाड़ा में 10.30 बजे पढ़ाई गई। जामा मस्जिद नदेसर एवं ईदगाह काशी विद्यापीठ के बाहर सड़क पर भी नमाजियों ने नमाज पढ़ी। इस दौरान सरैयां स्थित लाट मस्जिद में नमाज के दौरान पूर्व सांसद डॉ.राजेश मिश्र और कांग्रेस नेता शालिनी यादव भी पहुंची थीं। 

कहां किसने अदा कराई ईद की नमाज
ईदगाह हकीम सलामत अली पितरकुंडा में मुफ्ती-ए-शहर मौ. अब्दुल बातिन नोमानी, मस्जिद बैतुस्सलाम डेवढ़ियाबीर में काजी-ए-शहर मौ. गुलाम यासीन, मस्जिद नवाब टोंक गिलट बाजार में मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी, मस्जिद ज्ञानवापी में मौ. अब्दुल आखिर नोमानी, जामा मस्जिद नदेसर में मौ. मजहरुल हक, ईदगाह पुरानापुल में मौ. शकील अहमद, मस्जिद लंगड़े हाफिज में मौ. जकीउल्लाह कादरी, मस्जिद लाट सरैयां में मौ. जियाउर्रहमान, मस्जिद दायम खां पुलिस लाइन चौराहा में मौ. मुबारक हुसैन, बड़ी ईदगाह काशी विद्यापीठ  में मौ. मुफ्ती शमीम हसन, मस्जिद खरबूजा शहीद में हाफिज शकील अहमद, ढाई कंगूरा मस्जिद चौहट्ट लाल खां में हाफिज नसीम अहमद बशीरी, मस्जिद याकूब शहीद नगवां में हाफिज ताहिर, मस्जिद सोठा बासठ विद्यापीठ में मौ. हाफिज सैफी, अहले हदीस ईदगाह शकरतालाब में मौ. अहसन जमील, मदनपुरा व सदर इमामबाड़ा सरैयां में मौ. मुहम्मद जफर हुसैनी, पितरकुंडा व जामा मस्जिद दारानगर में मौ. अमीन हैदर, मस्जिद रहमज अली बजरडीहा में मौ. रिजवान अब्बास मारूफी, मस्जिद अल कायम भेलूपुरा में मौ. मेंहदी रजा, मस्जिद अल हसनैन बजरडीहा में मौ. जायर हसन, अर्दली बाजार में मौ. मोहसिन सईद, हुसैनी हाउस दोसीपुरा में मौ.  एकबाल हैदर, इमानिया अरबी कालेज मुकीमगंज में मौ. मोहम्मद बाकर ने ईद की नमाज अदा कराई। 

महिलाओं ने भी अदा की ईद की नमाज 
ईदगाह अहले हदीस शक्करतालाब व फातमान में शनिवार को महिलाओं ने भी ईद की नमाज अदा की। ईदगाह पहुंची हजारों बुर्कानशीं के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी। पुरुष व महिलाएं अलग-अलग ईद की नमाज अदा की।

गरीबों को रहता है मदद का इंतजार 
ईद की नमाज के पूर्व उलेमाओं ने तकरीर करते हुए कहा कि रमजान सभी महीनों से अफजल है। एक माह रोजा रखने व इबादत करने के बाद अल्लाह ने ईद को ईनाम के तौर पर मुसलमानों को दिया है। इसी मौके पर गरीब मालदारों से मदद का इंतजार करते हैं। उन्होंने कहा कि इबादतगुजार ने रमजान में जिस तरह से इबादत की, वैसे ही बाकी महीनों में भी अल्लाह की इबादत करें और तमाम बुराइयों व गलत कार्यों से दूर रहें। अमन-ओ-अमान एवं भाईचारगी के साथ रहें। 

कब्रिस्तानों पर पढ़ी फातिहा
ईद की नमाज के बाद लोगों ने अपने पुरखों को खेराज-ए-अकीदत पेश की। नमाज के बाद वह अपने अबाई (कुनबे) कब्रिस्तानों पर गए। जहां पुरखों की याद में फातिहा पढ़ी। 

सेल्फी लेने में रहे मशगूल
ईद पर सेल्फी लेने का सिलसिला भी दिनभर चला। खासकर ईदगाह व मस्जिदों में नमाज के बाद युवा सेल्फी लेने में मशगूल रहे। दोस्तों व बच्चों के साथ सेल्फी लेते रहे। वहीं मस्जिदों व ईदगाहों के बाहर मेला लगा था। बच्चों ने गुब्बारे व खिलौने खरीदे और व्यंजनों का स्वाद लिया। वहीं एसएमएस, फोन, व्हाट्सअप व फेसबुक के जरिए ईद की मुबारक का दौर चलता रहा। 

पहले अदा किया फितरा 
ईद की नमाज के पहले नमाजियों ने फितरा की रकम अदा की। इसके बाद मस्जिदों में दाखिल हुए। मस्जिदों के बाहर मौजूद यतीमों व गरीबों में पैसे दिए। अल्लाह रोजेदारों के रोजा को सदका-ए-फित्रा अदा करने के बाद ही कुबूल फरमाता है और रोजे का ईनाम देता है। 

दावतों से बांटी मोहब्बत
ईद की दावतों के जरिए लोगों ने मोहब्बत बांटी। एक दूसरे के घर गए और सेवईं व अन्य पकवानों का लुत्फ उठाया। ईद की खुशियों को साझा करने में हिन्दू भी पीछे नहीं रहे। 

...फिर किया आराम
ईद की खुशियों में चाद रात जवां रही। वक्त ऐसा गुजरा की रातभर खरीदारी करने वालों के कदम जब ठहरे तो सुबह हो चुकी थीं। मुस्लिम बहुल इलाके दालमंडी, मदनपुरा बडी बाजार आदि में रातभर दुकानें खुली रही। शनिवार की सुबह नमाज अदा करने के बाद दुकानदारों ने रिश्तेदारों या मित्रों के यहां जाने से परहेज किया और दिनभर आराम किया। 

कड़ी रही शहर की सुरक्षा व्यवस्था
ईद के मद्देनजर शनिवार को शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। सभी प्रमुख मस्जिदों पर पुलिस के उच्चाधिकारी मौजूद रहे और शांतिपूर्वक नमाज सम्पन्न करायी। जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा और एसएसपी आरके भारद्वाज सुरक्षा का जायजा लेने लाट मस्जिद सरैयां पहुंचे। उन्होंने क्षेत्राधिकारी और थानाध्यक्ष को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने का निर्देश दिया। वहीं दशाश्वमेध, कोतवाली, जैतपुरा, आदमपुर, सिगरा, भेलूपुर, लंका समेत पूरे शहर में पुलिस सतर्क रही। नमाज के दौरान और नमाज के बाद तक मस्जिदों के पास आवागमन रोक दिया गया। शान्तिपूर्वक नमाज होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली। 

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