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प्रवासी सम्मेलन : दुनिया में कहीं रहें प्रवासी, उन्हें भारत से लगाव

प्रवासी भारतीय सम्मेलन के तीसरे दिन बुधवार को यहां घूमने आये प्रवासी भारतीयों ने कहा कि पूरी दुनिया में जहां भी प्रवासी हैं वे सभी अपने देश से प्रेम करते हैं। अपने पुरखों को याद करते हैं। तमाम ऐसे...

प्रवासी सम्मेलन : दुनिया में कहीं रहें प्रवासी, उन्हें भारत से लगाव
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीWed, 23 Jan 2019 07:33 PM
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प्रवासी भारतीय सम्मेलन के तीसरे दिन बुधवार को यहां घूमने आये प्रवासी भारतीयों ने कहा कि पूरी दुनिया में जहां भी प्रवासी हैं वे सभी अपने देश से प्रेम करते हैं। अपने पुरखों को याद करते हैं। तमाम ऐसे हैं जिन्हें अपने पुरखों की माटी के बारे में नहीं पता। मगर उन्हें सिर्फ यह पता है कि वह भारत के थे। यही उनके लिए काफी है और वह उन्हें अपने देश भारत से लगाव है। कोशिश भी करते हैं कि किसी तरह उनके पुरखों के बारे में पता चल जाए। यह बातें बुधवार को प्रवासी मेहमानों ने भ्रमण के दौरान हुई बातचीत में कही। प्रवासियों ने तथागत की उपदेश स्थली को नमन किया और परिजनों के साथ सेल्फी ली। गाइड के माध्यम से सारनाथ के इतिहास के बारे में जाना।

सुबह ही सारनाथ में प्रवासी भारतीयों के आने का क्रम शुरू हो गया। इसमें कनाडा, अमेरिका, यूएई, सिंगापुर, द. अफ्रीका, दोहा, कतर आदि देशों के थे। बातचीत के दौरान प्रवासी भारतीयों ने कहा कि पहले हम उत्तर प्रदेश के लोगों के बारे में गलत सोचते थे। यहां आने पर सब भ्रम दूर हो गये। कहा कि काशी दुनिया में सबसे प्राचीन नगरी है। यहां के लोगों ने अतिथि देवो भव: की सार्थकता को सिद्ध किया। यहां के लोगों ने हमारी जितनी सेवा की है, वास्तव में हमसे उतना नहीं हो सकता है। हमारा भारत वास्तव में दुनिया का गहना है।

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