रचनात्मक सोच से व्यावहारिक समाधान ही है स्टार्टअप : पीयूष गोयल
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रचनात्मक सोच से व्यावहारिक समाधान ही स्टार्टअप है। नई सोच से युवाओं के सपनों के मुताबिक भारत बनाना संभव है। देश...
वाराणसी। कार्यालय संवाददाता
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रचनात्मक सोच से व्यावहारिक समाधान ही स्टार्टअप है। नई सोच से युवाओं के सपनों के मुताबिक भारत बनाना संभव है। देश के हर नागरिक को सशक्त बनाने के लिए परंपरागत सोच से बाहर निकलना होगा। शुक्रवार को बीएचयू स्थित अटल इन्क्यूबेशन सेंटर में शुक्रवार को युवा उद्यमियों से संवाद के दौरान गोयल ने कहा कि युवा जिस प्रकार का देश देखना चाहते हैं, वह पारंपरिक सोच से नहीं बन सकता। ध्यान दिलाया कि ‘जैसा चल रहा है, ठीक है की सोच सशक्त भारत की राह में बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि नई सोच का नतीजा हम उद्योग-व्यापार के क्षेत्र में देख सकते हैं जहां स्टार्टअप ने अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने सेंटर में युवा उद्यमियों के स्टॉल पर उनके स्टार्टअप के बारे में जानकारी ली। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने से लेकर बायोडीजल के प्रयोग और बैटरियों में लीथियम के विकल्प में स्वदेशी तकनीक के प्रयोग को सराहा। इस दौरान इन्क्यूबेशन सेंटर के प्रमुख प्रो. पीवी राजीव, अतिरिक्त सचिव अरविंद कुमार, संयुक्त सचिव वाणिज्य मंत्रालय श्रुति सिंह आदि मौजूद थे।
स्टार्टअप एंट्रेप्रेन्योर हैं पीएम मोदी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2014 के बाद से स्टार्टअप को ज्यादा प्रोत्साहन मिला है। पीएम नरेंद्र मोदी नई सोच और रचनात्मकता के साथ काम करते हैं। वह स्टार्टअप एंट्रेप्रेन्योर की तरह सोचते हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश में एलईडी बल्ब का बहुत कम इस्तेमाल होता था। पीएम ने ऊर्जा बचत के लिए देश में सस्ते एलईडी बल्ब की उपलब्धता कराई। अब घर-घर में इसका इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम ने सरकार में भी स्टार्टअप की सोच विकसित की।
युवा उद्यमियों से जानी स्टार्टअप की समस्याएं
केंद्रीय मंत्री ने युवा उद्यमियों से स्टार्टअप में आने वाली दिक्कतों पर खुलकर बात करने को कहा। युवा उद्यमियों ने स्टार्टअप के आरंभ में फंडिंग की समस्या को प्रमुखता से उठाया। इसे केंद्रीय मंत्री ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को नोट करने को कहा।
