कोहरा और धुंध रोकने लगे ट्रेनों की रफ्तार
काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के आने-जाने का समय एक पखवारे से बेपटरी हो चला है। गुरुवार को यह ट्रेन 11.15 घंटे की देरी से दोपहर 3.50 बजे स्टेशन पहुंची। रात 9.50 बजे इसे रवाना किया गया। ट्रेन देरी से आने के...
काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस के आने-जाने का समय एक पखवारे से बेपटरी हो चला है। गुरुवार को यह ट्रेन 11.15 घंटे की देरी से दोपहर 3.50 बजे स्टेशन पहुंची। रात 9.50 बजे इसे रवाना किया गया। ट्रेन देरी से आने के कारण दोपहर में इस ट्रेन से सफर कराने वाले कई यात्रियों ने टिकट रद करा दिये।
यहां रेल कर्मचारियों ने बताया कि पिछले एक पखवारे से यह ट्रेन देरी से चल रही है। बुधवार को नई दिल्ली से यह ट्रेन देरी से रवाना हुई। रास्ते में और देरी होने के कारण दोपहर बाद स्टेशन पहुंची। उधर देरी के कारण कई यात्रियों ने टिकट रद करा दिये। दोपहर में रवाना होने वाली यह ट्रेन रात में रवाना की गई।
बरेली एक्सप्रेस भी समय पर नहीं
बरेली एक्सप्रेस तो कभी समय पर नहीं आ पाई है। कई महीने से यह ट्रेन बेपटरी है। सुबह आने वाली ट्रेन दोपहर या कभी-कभी शाम तक पहुंचती है।
काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस
तारीख विलंबित
15 नवंबर 11.15 घंटे
14 नवंबर दो घंटे
13 नवंबर चार घंटे
12 नवंबर दो घंटे
11 नवंबर 4.30 घंटे
10 नवंबर दो घंटे
बरेली एक्सप्रेस
15 नवंबर 5 घंटे
14 नवंबर 6 घंटे
13 नवंबर चार घंटे
12 नवंबर 3 घंटे
11 नवंबर 3.15 घंटे
10 नवंबर 6 घंटे
ये ट्रेनें भी रहीं विलंबित
फाग और स्माग का असर ट्रेनों की गति रोकने लगी है। गुरुवार को कैंट स्टेशन पर दर्जन भर से अधिक ट्रेनें घंटों विलंबित रहीं। इसमें मुजफ्फरपुर से आने वाली बापूधाम एक्सप्रेस सात घंटे, जम्मूतवी-सियालदह हमसफर एक्सप्रेस 4.30 घंटे, नई दिल्ली से आ रही स्वतंत्रता सेनानी पांच घंटे, अहमदबाद से आ रही साबरमती 6.15 घंटे, अमृतसर से जलियावाला बाग एक्सप्रेस 10 घंटे, दिल्ली से आ रही सद्भावना एक्सप्रेस 7.30 घंटे, जम्मू से आने वाली बेगमपुरा एक्सप्रेस 7 घंटे, देहरादून से आने वाली उपासना एक्सप्रेस छह घंटे, बरौनी से जनता एक्सप्रेस पांच घंटे, दून एक्सप्रेस सात घंटे, अर्चना एक्सप्रेस छह घंटे देरी से पहुंची।