काशी में बही कबीर की निर्गुण भक्ति की धारा
Varanasi News - वाराणसी में संत कबीर, संत रविदास और गोरखनाथ की भक्ति परंपरा को फैलाने के लिए छह दिनी निर्गुण त्रिधारा भक्ति उत्सव का आयोजन किया गया। यह उत्सव संत कबीर की प्राक्ट्यस्थली पर शुरू हुआ, जिसमें भजन गायक...

वाराणसी। संत कबीर, संत रविदास और गोरखनाथ की भक्ति परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने को छह दिनी निर्गुण त्रिधारा भक्ति उत्सव का शुभारम्भ मंगलवार को लहरतारा स्थित संत कबीर की प्राक्ट्यस्थली पर हुआ। प्रयागराज से आए निर्गुण भजन गायक जलज श्रीवास्तव ने कबीर वाणी से काल, परिस्थिति और जीवन के विविध रंगों को दर्शाया। संत कबीर अकादमी और संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सुबह करीब 11 बजे कबीर मठ के पश्चिम द्वार से शोभयात्रा निकाली गई, जो उनके प्राक्ट्यस्थल पर समाप्त हुई। शोभायात्रा का नेतृत्व में संत कबीर अकादमी के निदेशक अतुल द्विवेदी ने किया। देर शाम करीब छह बजे रविदास घाट पर स्थानीय कलाकार एवं मऊ के बेचन ने भी निर्गुण भजन पेश किया। कबीर पर अध्ययन करने वाले तथा विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भी शिरकत की। बुधवार की शाम अस्सी घाट पर छत्तीसगढ़ के भारती बंधु का निर्गुण भजन, दुर्जन यादव का कबीर बिरहा और डॉ. विधि नागर द्वारा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति की जाएगी।
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