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काशी विश्वनाथ, गौरी केदारेश्वर समेत सात मंदिर खुले, दूर तक लगी भक्तों की कतार VIDEO

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और गौरी केदारेश्वर समेत सात मंदिर मंगलवार की सुबह आम लोगों के लिए खोल दिये गए। विश्वनाथ मंदिर खुलने से पहले ही बड़ी संख्या में लोग बाबा का दर्शन करने पहुंच गए।...

काशी विश्वनाथ, गौरी केदारेश्वर समेत सात मंदिर खुले, दूर तक लगी भक्तों की कतार VIDEO
वाराणसी प्रमुख संवाददाताTue, 09 Jun 2020 01:54 PM
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वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और गौरी केदारेश्वर समेत सात मंदिर मंगलवार की सुबह आम लोगों के लिए खोल दिये गए। विश्वनाथ मंदिर खुलने से पहले ही बड़ी संख्या में लोग बाबा का दर्शन करने पहुंच गए। पुलिस ने सड़क पर ही कतार लगवाई और नियमों के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों को मंदिर में जाने दिया गया। फिलहाल केवल झांकी दर्शन की ही छूट दी गई है। गर्भ गृह में प्रवेश और जलाभिषेक आदि पर पाबंदी है। भक्तों को प्रसाद भी नहीं दिया गया और न ही लगाया गया।काशी विश्वनाथ, गौरी केदारेश्वर के साथ ही पांच अन्य मंदिरों, नदेसर मस्जिद व नीचीबाग स्थित गुरुद्वारा को भी खोल दिया गया है। 

विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी स्थित गेट नंबर से प्रवेश दिया गया। पांचों पंडवा से होते हुए बद्रीनाथ प्रवेश द्वार से गर्भगृह के बाहर तक श्रद्धालुओं को जाने दिया गया। गर्भगृह के बाहर से ही झांकी दर्शन करने के बाद हनुमान द्वार से नंदी हाल होते हुए वापस ज्ञानवापी के गेट नंबर चार से बाहर निकलने की व्यवस्था की गई है। 

प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार मंदिर प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए पेंट से निर्धारित दूरी पर पहले ही गोला भी बनवा दिया था। गेट नंबर चार से प्रवेश करते ही सबसे पहले न्यास के कर्मचारी थर्मल स्क्रीनिंग से तापमान ले रहे हैं। इसके बाद सेंसर वाली सेनेटाइजर मशीन लगाई गई है। इसे बिना छुए ही हाथों पर सेनेटाइजर आ जाता है। यहां हाथों को सैनेटाइज करने के बाद हैंड मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद मुख्य मंदिर में प्रवेश मिल रहा है।

अन्नपूर्णा मंदिर व कीनाराम स्थली भी खुली
विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित अन्नपूर्णा मंदिर के साथ ही बृहस्पति मंदिर दशाश्वमेध, तिलभांडेश्वर मंदिर रेवड़ी तालाब, बाबा कीनाराम स्थली क्रीं कुंड रवींद्रपुरी, गौरी केदारेश्वर मंदिर केदार घाट और शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर शंकुलधारा भी खुल गए हैं। यहां भी मंगलवार की सुबह भक्तों ने हाजिरी लगाई।

 

संकटमोचन, दुर्गामंदिर और कालभैरव मंदिर फिलहाल बंद

संकट मोचन मंदिर फिलहाल भक्तों के लिए नहीं खुला है। इसके बाद भी काफी भक्त मंगलवार की सुबह मंदिर के द्वार तक पहुंचे गेट पर ही फूल माला और प्रसाद चढ़ाया। मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा है कि हमने अपनी तरफ से तैयारी तो की थी, लेकिन प्रशासन और चुस्त दुरुस्त व्यवस्था चाहता है। इसलिए अभी मंदिर नहीं खुल सका है। वहीं,  दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर भी नहीं खुला है। महंत कौशलपति द्विवेदी ने कहा है कि गत रविवार की रात प्रशासनिक टीम ने दौरान किया था। प्रशासन की तरफ से 24 बिंदुओं पर काम करने का निर्देश दिया गया है। वह व्यवस्था पूरी होने तक दुर्गा मंदिर बंद रहेगा। काल भैरव मंदिर भी व्यवस्थाएं पूरी नहीं होने के कारण मंगलवार से नहीं खुल सका है।

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