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10 साल में सितंबर की तीसरी सबसे अधिक बारिश

बीते 10 साल में गुरुवार को जिले में सितंबर महीने की तीसरी सबसे ज्यादा बारिश हुई। बीते 24 घंटे में 104 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे दिन और रात...

10 साल में सितंबर की तीसरी सबसे अधिक बारिश
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,वाराणसीFri, 17 Sep 2021 03:30 AM
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वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता

बीते 10 साल में गुरुवार को जिले में सितंबर महीने की तीसरी सबसे ज्यादा बारिश हुई। बीते 24 घंटे में 104 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे दिन और रात का औसत तापमान भी गिरा। गुरुवार की सुबह हल्की धूप खिलने के बाद बादलों ने पूरे दिन बारिश की। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में नया निम्न दबाव क्षेत्र बन रहा है जिसके कारण 20 सितंबर तक बारिश के आसार है।

वाराणसी में इससे पहले 27 सितंबर 2019 को 130.6 मिमी बारिश हुई थी। 2011 में 25 सितंबर को बारिश का रिकॉर्ड पिछले दस वर्षों में सबसे ज्यादा 146.4 मिमी है। हालांकि पिछले तीन दिनों का आंकड़ा देखें तो बारिश का रिकॉर्ड इसे पार कर चुका है। बुधवार रात का तापमान सीजन में सबसे कम 22.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। गुरुवार का अधिकतम तापमान भी 27.4 डिग्री रहा। गुरुवार की सुबह कुछ देर के लिए धूप खिली तो लोगों ने राहत की सांस ली मगर कुछ ही देर में आसमान में काले बादल छा गए और बारिश शुरू हो गई। बुधवार की अपेक्षा गुरुवार की बारिश तेज थी और पूरे दिन लगातार होती रही। शाम पांच बजे के आसपास बादल थमे मगर कुछ देर बाद दोबारा बारिश शुरू हो गई।

सितंबर की शुरुआत में भीषण उमस और गर्मी के कारण औसत तापमान 35 डिग्री तक पहुंच चुका था। मगर अचानक बदले मौसम के पीछे मौसम विज्ञानी उड़ीसा पर बने लो-प्रेशर एरिया को कारण मानते हैं। मौसम में इस तरह के अचानक बदलाव वायरल फीवर समेत अन्य रोगों को बढ़ावा देने वाले होते हैं। ऐसे बदलाव शरीर की इम्युनिटी पर भी प्रभाव डालते हैं।

बंगाल की खाड़ी पर बन रहा नया डिप्रेशन

मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में उड़ीसा से चले साइक्लोनिक इफेक्ट के कारण पिछले तीन दिनों से बारिश का मौसम बना हुआ है। शुक्रवार को हल्की बारिश की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर नया डिप्रेशन तैयार हो रहा है। 17 सितंबर से तटवर्ती इलाकों में इसका असर भी दिखने लगेगा। 19 और 20 सितंबर को इसके कारण भी जनपद में बारिश हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में टुकड़ों में बारिश होती है मगर साइक्लोनिक इफेक्ट के कारण व्यापक वर्षा के हालात बने हैं। निम्न दबाव क्षेत्र का असर है कि वाराणसी ही नहीं, आसपास के कई जनपदों में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है।

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13 दिनों के 'पक्ष' के कारण बिगड़ा मौसम

- ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक 13 दिन का था भाद्रपद पक्ष

- 13 दिन का पक्ष होने पर होता है प्राकृतिक या दैवीय प्रकोप

वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता

पूर्वांचल में अचानक बदले मौसम को लेकर मौसम विज्ञानियों के साथ ज्योतिष विज्ञान की अपनी राय है। अचानक बिगड़े मौसम के पीछे 13 दिन के“पक्ष को कारण माना जा रहा है। महावीर पंचाग के संपादक ज्योतिषाचार्य रामेश्वर ओझा बताते हैं कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष में दो तिथियों का क्षय हुआ है। यह तिथियां प्रतिपदा और त्रयोदशी हैं। किसी पक्ष में ऐसी तिथियों का क्षय होने और पक्ष 13 दिन का होने पर दैवीय, प्राकृतिक या सामाजिक उथलपुथल होते हैं। इसे विश्वखस्त्र पक्ष कहा जाता है। हालांकि धार्मिक दृष्टि से किसी पक्ष में द्वितीया से चतुदर्शी के बीच दो तिथियों का क्षय होने पर रौरवकाल उत्पन्न होता है। उन्होंने बताया कि 14 सितंबर की सुबह से उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र भी लग गया है। माना जाता है कि इस नक्षत्र में भी बारिश ज्यादा होती है।

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