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सावन बीता, भादो में भी कम वर्षा का अनुमान

पूर्णिमा के बाद शुक्रवार को सावन बीत जाएगा। कुछ दिनों की फुहार के अलावा पूरे महीने बनारस बारिश के लिए तरस गया। भादो में भी बारिश की उम्मीद कम ही है।...

सावन बीता, भादो में भी कम वर्षा का अनुमान
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीFri, 12 Aug 2022 02:50 AM
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वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। पूर्णिमा के बाद शुक्रवार को सावन बीत जाएगा। कुछ दिनों की फुहार के अलावा पूरे महीने बनारस बारिश के लिए तरस गया। भादो में भी बारिश की उम्मीद कम ही है। जुलाई में पटरी पर आई मानसून द्रोणिका फिर दक्षिण की तरफ खिसक गई है।

इस साल समय से आए मानसून से अच्छी बारिश की आस थी। मगर पूर्वोत्तर से पूर्वांचल की तरफ बढ़ते मानसून दक्षिण की तरफ भटक गया। मानसून द्रोणिका या ट्रफ के भटकने से बिहार और उत्तर प्रदेश में बरसने वाला पानी मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत के साथ गुजरात और राजस्थान को भिंगो रहा है।

जून में शुरुआती बारिश के बाद पूरा महीना सूखा रहा। जुलाई 15 दिनों तक सूखी बीती। मानसून द्रोणिका पटरी पर आई और 16 जुलाई के बाद बारिश शुरू हुई। अगस्त में नियमित अंतराल पर पानी बरसा जरूर मगर यह बारिश इलाकावार होती रही। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून द्रोणिका एक बार फिर दक्षिण की तरफ खिसक गई है। ऐसे में मौसम सुहावना होने के बावजूद बारिश उम्मीद से कम होगी।

मौसम का यह बदलाव अध्ययन का विषय

बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मानसून द्रोणिका का यह बर्ताव अध्ययन का विषय है। लगभग 19 दिनों तक सही स्थान पर रहने के बाद ट्रफ लाइन का दोबारा खिसकना रहस्य है। उन्होंने बताया कि इस दौरान बारिश सामान्य से कम होने की उम्मीद है। ताबड़तोड़ बारिश की जगह इलाकावार और 10 मिनट से आधे घंटे के बीच की ही बारिश का अनुमान है।

क्या है मानसून द्रोणिका यानी ट्रफ

केरल और ओडिशा के तटों से मैदानी क्षेत्र की तरफ बढ़ते हुए मानसून का एक रास्ता माना जाता है। इस काल्पनिक लाइन को मानसून द्रोणिका या ट्रफ कहते हैं। हालांकि इस साल मानसूनी बादल अपनी इस रेखा के बजाए दक्षिण दिशा की तरफ होकर बढ़ रहे हैं। गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण के राज्यों में उम्मीद से ज्यादा बारिश इसी का कारण है।

औसत से 100 मिमी कम हुई बारिश

आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल बारिश औसत से कम हुई है। इस सीजन में जून से 4 अगस्त तक कुल 448 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। यह आंकड़ा बीएचयू का है। बाबतपुर मौसम कार्यालय का आकड़ा इससे कम है। जबकि पिछले वर्षों के हिसाब से यह आंकड़ा 550 मिमी के आसपास होना चाहिए था। जुलाई में बारिश का औसत 299.4 मिमी है जबकि इस साल 230 मिमी बारिश हुई है।

गुरुवार दोपहर बाद रिमझिम

वाराणसी। पुरवा हवा और बादलों की कुश्ती से बनारस में मौसम सुहावना है मगर बारिश उम्मीद से कम है। गुरुवार को भी ऐसा ही हुआ। पूरे दिन तापमान सामान्य से कम रहा मगर दोपहर बाद कुछ मिनटों के लिए ही बारिश हुई। बाबतपुर मौसम कार्यालय के मुताबिक यह बारिश 0.6 मिमी थी। पुरवा हवा के जोर से गुरुवार का अधिकतम तापमान सामान्य से 1 डिग्री नीचे 32.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री दर्ज किया गया। आर्द्रता 86 और 81 फीसदी रही।

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