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संस्कृत विश्वविद्यालय: कम अंक पर दाखिला मामले में नहीं हो सका निर्णय

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अर्हता न होने के बावजूद दाखिला लेने के मामले में परीक्षा समिति शुक्रवार को भी कोई फैसला नहीं ले सकी। यह प्रकरण पिछले एक साल विश्वविद्यालय में विचाराधीन है। अब...

संस्कृत विश्वविद्यालय: कम अंक पर दाखिला मामले में नहीं हो सका निर्णय
वाराणसी वरिष्ठ संवाददाताSat, 25 Nov 2017 02:45 PM
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सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अर्हता न होने के बावजूद दाखिला लेने के मामले में परीक्षा समिति शुक्रवार को भी कोई फैसला नहीं ले सकी। यह प्रकरण पिछले एक साल विश्वविद्यालय में विचाराधीन है। अब आरोप लग रहा है कि इस मामले में कुछ लोग लीपापोती करने पर लगे हैं। 

शिकायत है कि कानपुर के एक संस्कृत महाविद्यालय में कुछ वर्ष पहले एक ऐसे छात्र का शास्त्री पाठ्यक्रम में दाखिला हुआ जिसके पास इंटर में मानक के अनुसार अंक नहीं थे। उक्त छात्र की शिक्षक पद पर नियुक्ति हुई। अंकपत्रों और प्रमाणपत्रों के जांच में इसका  खुलासा होने पर कार्रवाई की गई। नियोक्ता की ओर से ऐसे छात्र की उपाधि निरस्त करने के लिए सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को प्रकरण भेजा गया। इस मामले को परीक्षा समिति के समक्ष रखा गया। विधिक राय भी ली गई। 

सूत्रों का कहना है कि विधिक राय भी उक्त छात्र के खिलाफ है। इसके बावजूद उपाधि निरस्त करने की कार्रवाई शुरू नहीं हुई। शुक्रवार को परीक्षा समिति को बताया गया कि प्रवेश फार्म भरने में दो तरह की स्याही का प्रयोग किया गया है। परीक्षा समिति ने इसकी जांच हस्त लिपि विशेषज्ञों से कराने का फैसला किया है। अब इस मामले में निर्णय में कुछ और वक्त लगेगा। यह भी कहा जा रहा है कि इस तरह के कई प्रकरण हैं लेकिन जांच की गति धीमी है। इससे फर्जीगिरी करने वालों को लाभ पहुंच रहा है।

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