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जरा याद करो कुर्बानी : आजादी के दीवानों ने तोड़ा थाना गेट, जला दिया था ब्रिटिश झंडा

जिले का एकमात्र शहीद स्मारक चोलापुर थाना के पास है, जहां 17 अगस्त 1942 को क्रांति हुई थी। आजादी के दीवानों ने थाना गेट तोड़कर ब्रिटिश झंडा जला दिया था। उस संघर्ष में पांच स्वतंत्रता सेनानी शहीद हो...

जरा याद करो कुर्बानी : आजादी के दीवानों ने तोड़ा थाना गेट, जला दिया था ब्रिटिश झंडा
चोलापुर (वाराणसी) हिन्दुस्तान संवादSun, 13 Aug 2017 11:11 AM
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जिले का एकमात्र शहीद स्मारक चोलापुर थाना के पास है, जहां 17 अगस्त 1942 को क्रांति हुई थी। आजादी के दीवानों ने थाना गेट तोड़कर ब्रिटिश झंडा जला दिया था। उस संघर्ष में पांच स्वतंत्रता सेनानी शहीद हो गये थे जबकि सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। इतिहास के पन्नों में दर्ज आजादी के उन दीवानों को शासन, प्रशासन और यहां तक कि जागरूक समाज भी भूल गया है। 

महात्मा गांधी के आह्वान पर भारत छोड़ो आंदोलन जोरों पर था। ‘करो या मरो’ के नारे ने युवाओं में जोश भर दिया था। 17 अगस्त 1942  को नागपंचमी थी। उस दिन आयर गांव में दंगल हो रहा था। उसी समय आजादी के दीवानों का एक जत्था आयर के स्वतंत्रता सेनानी वीरबहादुर सिंह के नेतृत्व में चोलापुर थाने की ओर चल पड़ा। उनके पीछे सैकड़ों की भीड़ हो ली। आजादी के तराने गाते हुए भीड़ ने थाना गेट तोड़ दिया। थाना पर फहरा रहे ब्रिटिश झंडे को उताकर उसे जलाया और तिरंगा फहरा दिया। इसकी जानकारी होते ही ब्रिटिश हुक्मरानों ने गोली चलाने का आदेश दे दिया। तत्कालीन थानेदार रामचंद्र सिंह ने गोलियां चलवा दीं। इस स्वातंत्र्य संघर्ष में नेतृत्वकर्ता वीर बहादुर सिंह और अन्य साथी तो बच गये लेकिन आयर गांव के रामनरेश उपाध्याय, पंचम, शिवरामपुर के श्रीराम, चौथी और सलेमपुर के निरहू शहीद हो गये। इस स्थान पर वर्ष 1972 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पं. कमलापति त्रिपाठी ने शहीद स्मारक का शिलान्यास और 12 जनवरी 1975 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा ने इसका उद्घाटन किया था। 

अंग्रेजों ने तीन स्थानों पर चलवायी थी गोलियां
वाराणसी। वर्ष 1942 में 16 अगस्त को धानापुर में अंग्रेजी हुकूमत ने आजादी के दीवानों पर गोलियां चलवायीं। फिर 17 अगस्त को चोलापुर और 28 अगस्त को सैयदराजा में गोलियां चलायी गयीं थीं। तब सैयदराजा व धानापुर वाराणसी जिले का ही हिस्सा था। चंदौली के अलग जिला बनने के बाद चोलापुर का शहीद स्मारक वाराणसी का इकलौता स्मारक रह गया है। 

17 अगस्त को ही लगता है मेला
चोलापुर। अमर शहीदों का यह स्मारक वर्षों से उपेक्षित है। क्षेत्र के समाजसेवी स्व. रामप्रवेश चौबे शहादत दिवस पर इन शहीदों को याद करने आते रहे। आज भी इस परम्परा को उनके पुत्र व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सतीश चौबे निभा रहे हैं। 17 अगस्त के अलावा बाकी दिनों में कोई इस स्मारक पर नहीं आता। साफ-सफाई नहीं होती।  सतीश चौबे ने बताया कि उन्होंने डीएम और एसएसपी से शहीद स्मारक के बारे में बात की थी लेकिन कोई पहल नहीं हुई। कई बार थाने में पूछा कि कृष्ण जन्माष्टमी तो धूमधाम से मनायी जाती है लेकिन कभी शहीदों की चिंता नहीं की जाती। यही जवाब मिला कि शहीद स्मारक पर कार्यक्रम के लिए ऊपर से आदेश नहीं है। 

शहीदों के परिवारों को करेंगे सम्मानित
कांग्रेस नेता सतीश चौबे ने बताया कि इस बार शहादत दिवस पर शहीदों के परिवारों का स्मारक पर सम्मान किया जाएगा। 

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