विश्वनाथ कॉरिडोर : गंगाघाट की ओर प्रवेश द्वार का होगा विस्तार
वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता
काशी विश्वनाथ धाम (कॉरिडोर) की डिजाइन में फिर बदलाव पर मंथन शुरू हो गया है। कॉरिडोर के गंगा किनारे के छोर पर श्रद्धालुओं के प्रवेश की व्यवस्था में विस्तार किया जाएगा। अहमदाबाद की कंसल्टेंट एजेंसी एचसीपी ने इसका मॉडल तैयार कर लिया है और मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल अहमदाबाद जाकर मॉडल देख चुके हैं। अब इसका धर्मार्थ कार्य मंत्री व शासन के अधिकारियों के सामने प्रजेंटेशन होगा। इसके बाद अनुमति के लिए शासन के पास भेजा जाएगा।
काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों के प्रवेश के लिए मणिकर्णिका और ललिता घाट से मुख्य प्रवेश द्वार होगा। जून से सितम्बर तक गंगा में बाढ़ के कारण श्रद्धालुओं के आवागमन में दिक्कत को देखते हुए गंगा किनारे छोर पर प्रवेश व निकास की व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। सावन व शिवरात्रि पर काफी संख्या में पहुंचने वाले भक्तों को किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए डिजाइन में फेरबदल कर इसे सुविधाजनक बनाया जाएगा। इसके लिए मणिकर्णिका व लालिता घाट पर बनने वाले मंच का आकार छोटा किया जा सकता है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जिस कंसल्टेंट एजेंसी ने पूरे कॉरिडोर का मॉडल तैयार किया था। उसी ने गंगा किनारे से प्रवेश का मॉडल बनाया है। शासन से अनुमति मिलने के बाद इसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा। बता दें कि यूपी सरकार की कैबिनेट ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की डिजाइन या निर्माण के बाबत कोई निर्णय लेने के लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में आठ विभागों की संयुक्त समिति बनायी है। इसके निर्णय के बाद कैबिनेट की अनुमति से कॉरिडोर की डिजाइन में परिवर्तन किया जा सकता है। काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण करीब 460 करोड़ रुपये से 50 हजार वर्ग मीटर में कराया जा रहा है। इसमें करीब एक चौथाई से ज्यादा काम पूरा हो चुका है।
10 भवनों की बदली जा चुकी है डिजाइन
धाम के अंदर विभिन्न रुकावटों को देखते हुए पूर्व में भी 10 भवनों की ड्राइंग में बदलाव किया जा चुका है। इसमें यात्री सुविधा केंद्र के तीन भवन, वैदिक केंद्र, मंदिर परिसर, यूटिलिटी भवन, सिक्योरिटी दफ्तर, जनसुविधा केंद्र, भोगशाला, मुमुक्षु भवन शामिल हैं।
कॉरिडोर में 24 भवनों का होना है निर्माण
परियोजना के तहत विश्वनाथ कॉरिडोर में छोटे-बड़े 24 भवनों का निर्माण प्रस्तावित है। इनमें मंदिर परिसर, मंदिर चौक, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी, बहुउद्देशीय हाल, टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, जनसुविधा ब्लॉक, मुमुक्षु भवन, अतिथि गृह, नीलकंठ पवेलियन, सुरक्षा कार्यालय, यूटिलिटी ब्लॉक, गोदौलिया गेट, तीन यात्री सुविधा केंद्र, भोगशाला, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, जलपान केंद्र, वैदिक केंद्र, सांस्कृतिक केंद्र और दुकानें शामिल हैं।